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उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में निषाद पार्टी के प्रदर्शनकारियों के पथराव में हुई पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत के मामले में अब तक कुल 27 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिसवालों पर उस वक्त हमला हुआ जब वे प्रधानमंत्री की रैली से ड्यूटी कर लौट रहे थे. मारे गए कांस्टेबल का नाम सुरेश वत्स है. वहीं इस घटना में दो पुलिसवाले घायल हुए थे.
पथराव में हुई जवान की मौत के बाद अब उसके पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया है. जवान की अंतिम यात्रा में पुलिस के कई आला अधिकारी भी मौजूद रहे.
घटना गाजीपुर कठवा मोड़ के पास की बताई जा रही है. दरअसल निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने प्रधानमंत्री की रैली का बॉयकॉट किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रैली के बाद जब बीजेपी समर्थक वापस लौट रहे थे, तभी निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं से उनका संघर्ष चालू हो गया.
इस मामले में पुलिस ने 15 पार्टी कार्यकर्ताओंं को हिरासत में लिया था. बाकी लोगों की पहचान भी वीडियो के जरिए की गई, जिसके बाद अब कुल 27 लोग हिरासत में हैं.
निषाद पार्टी आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही थी. वहीं सुहेलदेव राष्ट्रीय समाज पार्टी का भी बीजेपी से विवाद खुलकर सामने आ चुका है. हालांकि पार्टी, बीजेपी के साथ प्रदेश में गठबंधन में है और पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर मंत्री भी हैं.
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बता दें आज प्रधानमंत्री मोदी पूर्वांचल के दौरे पर थे. उन्होंने गाजीपुर में 250 करोड़ की लागत से बने एक हॉस्पिटल का उद्घाटन किया. बाद में वे बनारस पहुंचे.
प्रधानमंत्री की रैली के बाद हुए इस घटनाक्रम से सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के विवेक पर सवालिया निशान लगाए हैं. सुरेश वत्स हाल के वक्त में भीड़तंत्र का निशाना बने दूसरे पुलिसवाले हैं. उनसे पहले 3 दिसंबर को बुलंदशहर में भीड़ को शांत कराने पहुंचे इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की भी सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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