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गाजीपुर में बोले PM मोदी: कांग्रेस ने कर्जमाफी के नाम पर किया धोखा

पूर्वांचल में हजारों करोड़ों की मदद  से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी पूर्वी उत्तरप्रदेश के एक दिन के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने गाजीपुर में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया और एक रैली को संबोधित करते हुए महाराजा सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट भी जारी किया.

प्रधानमंत्री ने अपनी रैली में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस के कर्जमाफी को झूठा करार देते हुए पीएम ने कहा, ‘कर्नाटक में लाखों किसानों की कर्जमाफी का वायदा किया था , लेकिन सिर्फ 800 किसानों का कर्ज माफ हुआ. ये कैसा खेल है, कैसा धोखा है.’

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मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया

250 करोड़ की लागत से गाजीपुर में बने मेडिकल कॉलेज का प्रधानमंत्री ने शिलान्यास किया. अब गाजीपुर का मेडिकल कॉलेज 300 बेड का हो जाएगा.

कॉलेज से इस क्षेत्र को मेडिकल फेसिलिटी तो मिलेगी ही, गाजीपुर में नए मेधावी डॉक्टर भी तैयार होंगे. पूर्वांचल में हजारों करोड़ की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. इनमें गोरखपुर में AIIMS, वाराणसी का आधुनिक हॉस्पिटल और कई पुराने हॉस्पिटल का विस्तार शामिल है.

महाराज सुहेलदेव पर डाक टिकट जारी

प्रधानमंत्री मोदी ने महाराज सुहेलदेव की याद में डाक टिकट भी जारी किया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, 'महाराजा सुहेलदेव जितने वीर थे, उतने ही दयालु भी. देश के ऐसे वीर वीरांगनाओं को पुरानी सरकारों ने सम्मान नहीं दिया. हमारी सरकान ने उन्हें सम्मान देना एक जिम्मेदारी समझी है. इस स्टांप के जरिए महाराजा सुहेलदेव को घर-घर पहुंचाने की कोशिश है. उनसे हर शोषित और वंचित प्रेरणा लेता है. '

बनारस भी पहुंचेंगे पीएम

प्रधानमंत्री गाजीपुर के बाद हेलीकॉप्टर से वाराणसी के पीएसी ग्राउंड पहुंचेंगे. यहां से वे चांदपुर में बने चावल अनुसंधान केंद्र पहुंचेंगे और इस अंतरराष्ट्रीय केंद्र का शुभारंभ करेंगे. इसे फिलीपींस के सहयोग से बनाया गया है.

प्रधानमंत्री इसके बाद करीब दो हजार हस्तशिल्प-बुनकरों से एक कार्यक्रम में बातचीत करेंगे. यहीं पीएम टेलीकॉम डिपार्टमेंट के कर्मचारियों के लिए कंप्रिहेंसिव पेंशन स्कीम का शुभारंभ करेंगें.

ओपी राजभर ने किया बॉयकॉट

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने गाजीपुर कार्यक्रम के लिए निमंत्रण मिलने के बावजूद हिस्सा नहीं लिया. राजभर का कहना है कि जो निमंत्रण पत्र भेजा गया है उसपर महाराजा सुहेलदेव के नाम के साथ राजभर उपनाम नहीं लिखा गया है, जो कि उनके जातीय समाज के इतिहास को मिटाने का प्रयास है इसलिए वो कार्यक्रम का बहिष्कार करने जा रहे हैं.

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