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ऑक्सफैम (Oxfam Report) की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड महामारी के दौरान लोगों की इनकम का गैप बढ़ा जिससे भारत में 84 प्रतिशत परिवारों की आय में 2021 में गिरावट आई, लेकिन साथ ही साथ भारतीय अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 142 हो गई.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दावोस एजेंडा से पहले रविवार को जारी ऑक्सफैम की रिपोर्ट, "इनइक्वलिटी किल्स", में ये भी कहा गया है कि जैसे-जैसे कोविड का प्रसार भारत में हुआ, देश के स्वास्थ्य बजट में 2020-21 के संशोधित अनुमान से 10% की गिरावट देखी गई.
ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षा के लिए आवंटन में 6% की कटौती की गई, जबकि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन कुल केंद्रीय बजट के 1.5% से घटकर 0.6% हो गया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के दौरान (मार्च 2020 से 30 नवंबर, 2021 तक) भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 23.14 लाख करोड़ रुपये (313 अरब डॉलर) से बढ़कर 53.16 लाख करोड़ रुपये (719 अरब डॉलर) हो गई है. 4.6 करोड़ से अधिक भारतीयों के 2020 में और ज्यादा गरीबी में गिरने का अनुमान है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार ये पूरी दुनिया में नए गरीबों का लगभग आधा हिस्सा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत में दुनिया में तीसरे सबसे अधिक अरबपतियों की संख्या है. फ्रांस, स्वीडन और स्विटजरलैंड की तुलना में अधिक अरबपतियों के साथ 2021 में भारत में अरबपतियों की संख्या में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
ऑक्सफैम ने बताया है कि सबसे अमीर 100 परिवारों की संपत्ति में वृद्धि का लगभग पांचवां हिस्सा सिर्फ अदानी के व्यापारिक घराने के पास आया है.
रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडानी, विश्व स्तर पर 24वें स्थान पर और भारत में दूसरे स्थान पर हैं, 2020 में 8.9 बिलियन अमरीकी डॉलर से 2021 में 50.5 बिलियन अमरीकी डॉलर तक एक साल में उनकी कुल संपत्ति आठ गुना बढ़ गई. वहीं, मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 2021 में 85.5 अरब डॉलर हो गई, जो 2020 में 36.8 अरब डॉलर थी.
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा कि "असमानता की कड़वी सच्चाई इस ओर इशारा करती है, हर दिन कम से कम 21,000 लोगों या हर चार सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है, महामारी ने लैंगिक समानता को 99 साल से वापस 135 साल कर दिया है. महिलाओं को सामूहिक रूप से 2020 में कमाई में 59.11 लाख करोड़ रुपये (800 बिलियन अमरीकी डालर) का नुकसान हुआ. 2019 की तुलना में अब 1.3 करोड़ कम महिलाएं काम करती हैं."
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