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पाकिस्तान (Pakistan) से भारतीय सेना के जवानों पर हमला करने आया एक आतंकवादी खुद घायल हो गया तो इंडियन आर्मी के जवानों ने उसे अपना खून देकर बचाया. पाकिस्तान का ये आतंकवादी 21 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के राजौरी से पकड़ा गया था. तबारक हुसैन नाम के इस आतंकी ने पूछताछ में बताया था कि उसे एक पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एंजेसी के कर्नल ने इंडियन आर्मी के पोस्ट पर अटैक करने के लिए 30 हजार रुपए दिए थे.
सेना के 80 इन्फैंट्री ब्रिगेड कमांडर, ब्रिगेडियर कपिल राणा ने बताया कि 21 अगस्त को सुबह सैनिकों ने नियंत्रण रेखा के पार से दो से तीन आतंकवादियों को आते हुए देखा था. घने जंगल की आड़ में 2 आतंकी इलाके से भाग गए. घायल पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया और तुरंत इलाज शुरू किया गया.
पूछताछ में आतंकवादी ने भारतीय सेना की चौकी पर हमला करने की साजिश रचने की बात कबूल की. हुसैन ने खुलासा किया कि उसे कर्नल यूनुस चौधरी नाम के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एक कर्नल ने भेजा था, इस हमले के बदले 30 हजार रुपये भी दिए थे.
तबारक हुसैन ने यह भी खुलासा किया कि उसने दूसरे आतंकवादियों के साथ भारतीय चौकियों की रेकी की थी, जिससे उन्हें सही समय पर निशाना बनाया जा सके.
हुसैन ने माना कि वो लंबे वक्त से आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा है, उसने ये भी दावा किया कि उसे पाकिस्तानी सेना के मेजर रजाक से ट्रेनिंग मिली है. हुसैन ने ये भी खुलासा किया कि उसे पहले भी भारतीय सेना ने 2016 में उसके भाई हारून अली के साथ उसी सेक्टर से पकड़ा था, और नवंबर 2017 में मानवीय आधार पर वापस भेज दिया था.
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