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भारतीय संगीतकार और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा (Pandit Shiv Kumar Sharma Dies) का मुंबई में निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे. वह पिछले छह महीने से किडनी संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे और डायलिसिस पर थे. कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया.
शिवकुमार शर्मा ने संतूर को, जो कभी जम्मू-कश्मीर का एक अल्पज्ञात वाद्य था, एक शास्त्रीय दर्जा दिया और इसे अन्य पारंपरिक और प्रसिद्ध वाद्ययंत्रों जैसे सितार और सरोद के बराबर स्थान दिया.
शिव-हरि के आधे हिस्से के रूप में, उन्होंने सिलसिला, लम्हे और चांदनी जैसी फिल्मों के लिए बांसुरी के दिग्गज पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ संगीत तैयार किया.
SPIC MACAY के संस्थापक किरण सेठ ने निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि पंडित शर्मा भारतीय शास्त्रीय परंपराओं को लोकप्रिय बनाने के लिए SPIC MACAY का समर्थन करने वाले मूल कलाकारों में से थे.
पंडित शिवकुमार शर्मा 1985 में बाल्टीमोर, यूएसए शहर की मानद नागरिकता, 1986 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1991 में पद्म श्री और 2001 में पद्म विभूषण सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके थे.
पंडित शिवकुमार शर्मा ने 1956 में शांताराम की फिल्म झनक झनक पायल बाजे के एक दृश्य के लिए पृष्ठभूमि संगीत की रचना की. उन्होंने 1960 में अपना पहला एकल एल्बम रिकॉर्ड किया.
पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन पर उन्हें श्रृद्धांजली देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा कि, "पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से हमारी सांस्कृतिक दुनिया और भी खराब हुई है. उन्होंने संतूर को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया. उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा. मुझे उनके साथ अपनी बातचीत अच्छी तरह याद है. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. शांति."
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