Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Pervez Musharraf के बच्चे क्या करते हैं, कहां हैं? ये है पूरे परिवार की कहानी

Pervez Musharraf के बच्चे क्या करते हैं, कहां हैं? ये है पूरे परिवार की कहानी

दिल्ली के गोलचा सिनेमा का एक हिस्सा परवेज मुशर्रफ की हवेली में है

अजय कुमार पटेल
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>Pervez Musharraf का निधन : उनके परिवार के बारे में पूरी जानकारी</p></div>
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Pervez Musharraf का निधन : उनके परिवार के बारे में पूरी जानकारी

(फोटो: फेसबुक/अल्टर्ड बाय क्विंट)

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पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) का दुबई के एक हॉस्पिटल में बीमारी के चलते निधन हो गया. वे एमाइलॉयडोसिस नामक बीमारी से पीड़ित थे. उनके परिवार वालों ने पिछले साल जून महीने में यह जानकारी दी थी कि मुशर्रफ को एमाइलॉयडोसिस नामक एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है. नवाज अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़कर गए हैं. आइए जानते हैं नवाज के दिल्ली कनेक्शन और उनके परिवार के सदस्यों के बारे में.

परवेज मुशर्रफ : पिता ब्रिटिश 

परवेज मुशर्रफ का दिल्ली से पुराना नाता रहा है.  मुशर्रफ का जन्म 1943 में नहर वाली हवेली में हुआ था, यह हवेली पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में गोल मार्केट में प्रताप गली में स्थित है.  मुगल स्थापत्य शैली में बना यह चार मंजिला परिसर 700 वर्ग गज में फैला हुआ था. हवेली अब एक आवासीय परिसर में परिवर्तित हो गई है जिसमें दुकानें, घर और कमर्शियल परिसर शामिल हैं. पाकिस्तान चले जाने से पहले मुशर्रफ ने अपने जीवन के शुरुआती चार साल यहीं बिताए थे. वर्तमान में इस हवेली में 15 से अधिक परिवार रह रहे हैं, जिनमें मुशर्रफ के कुछ रिश्तेदार भी शामिल हैं, जिन्होंने विभाजन के वक्त भारत में ही रहना पसंद किया था. हवेली का एक हिस्सा दरियागंज के प्रसिद्ध गोलचा सिनेमा का हिस्सा है.

परवेज मुशर्रफ का पुश्तैनी घर : नहर वाली हवेली

परवेज मुशर्रफ का पुश्तैनी घर : नहर वाली हवेली

नहर वाली हवेली को परवेज के दादा काजी मोहतशिमुद्दीन ने खरीदा था. परवेज के दादा  पंजाब में एक सरकारी अधिकारी थे. जबकि मुशर्रफ के पिता सैयद मुशर्रफुद्दीन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्नातक किया था और पाकिस्तान जाने के बाद उन्होंने विदेश मंत्रालय में नौकरी कर ली, जबकि उनकी मां पाकिस्तान में एक शिक्षक बन गईं थीं.

परवेज के दादा टैक्स कलेक्टर थे. उनके पिता भी ब्रिटिश हुकूमत में अफसर थे. परवेज मुशर्रफ अपने परिवार में तीन भाइयों में से दूसरे नंबर पर थे. उनके बड़े भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ एक अर्थशास्त्री हैं, जो रोम में रहते हैं. वहीं, छोटे भाई डॉ. नावेद मुशर्रफ इलिनोइस अमेरिका में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट हैं.

परवेज मुशर्रफ के पिता का तबादला पाकिस्‍तान से तुर्की हुआ था, जिसकी वजह से 1949 में वे तुर्की चले गए. कुछ समय परवेज अपने परिवार के साथ तुर्की में रहे, वहीं उन्‍होंने तुर्की भाषा बोलनी भी सीखी. मुशर्रफ अपनी युवावस्था में खिलाड़ी भी रहे हैं. 1957 में उनका पूरा परिवार फिर पाकिस्‍तान लौट आया. परवेज की स्‍कूली शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक स्‍कूल में हुई और कॉलेज की पढ़ाई लहौर के फॉरमैन क्रिशचन कॉलेज में हुई थी.

पत्नी के साथ ताज का दीदार करते हुए परवेज

फोटो : ट्विटर

परवेज मुशर्रफ ने 1968 में सेहबा से शादी की थी. 2001 में जब परवेज शिखर वार्ता में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे तब उन्हाेंने पत्नी सेहबा मुशर्रफ के साथ ताजमहल देखा था.

मुशर्रफ का जन्म अविभाजित भारत में दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था. उन्हें अपना जन्म प्रमाण पत्र छह दशक बाद 2005 में भारत यात्रा के दौरान प्राप्त हुआ था. मुशर्रफ 2005 की अपनी भारत यात्रा के दौरान अजमेर शरीफ भी गए थे और प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर मत्था टेका था.

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आयला मुशर्रफ : आर्किटेक्चर की पढ़ाई, बचपन से ही है संगीत में रुचि

परवेज की बेटी आयला का जन्म 18 फरवरी 1970 में हुआ था. नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स, लाहौर से बैचलर ऑफ ऑर्किटेक्चर की पढ़ाई की थी. आयला मुशर्रफ पाकिस्तान की एक पूर्व वास्तुकार हैं, बाद में वे कराची में ऑल पाकिस्तान म्यूजिक कॉन्फ्रेंस (एपीएमसी) की डायरेक्टर बनीं. संगीत में उनकी रुचि की बचपन में ही जग गई थी. उनके दादा सैयद मुशर्रफ, जोकि तबला बजाते थे और उनकी दादी ज़रीन मुशर्रफ, जोकि हारमोनियम बजाती थीं, उन्हीं से आयला संगीत की ओर प्रेरित हुईं. आयला अपने पिता परवेज मुशर्रफ की गजल प्लेलिस्ट को सुनकर बड़ी हुई हैं.

शुरुआत में आयला कराची के दाऊद इंजीनियरिंग कॉलेज में आर्किटेक्चर की पढ़ाई करने गई थीं, लेकिन 80 के दशक में वहां स्टूडेंट्स का उपद्रव हुआ जिससे उन्होंने लाहौर से पढ़ाई की. दाऊद कॉलेज में आयला की मुलाकात असीम रजा से हुई थी, असीम भी वहां आर्किटेक्चर की पढ़ाई करने गए थे.

लाहौर के नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट में आयला ने ऑल पाकिस्तान म्यूजिक कॉन्फ्रेंस और लाहौर म्यूजिक फोरम द्वारा आयोजित विभिन्न कॅन्सर्ट्स में हिस्सा लिया, इसके साथ-साथ उन्होंने कॉलेज में क्लासिकल म्यूजिक भी सीखा.

बाद में आयला ने असीम रजा से शादी कर ली थी. आयला मुशर्रफ के दो बच्चे (मरियम रज़ा और ज़ैनब रज़ा) हैं. आयला मुशर्रफ बहुत ही निजी जीवन जीती हैं, वे स्पॉटलाइट से बचती हैं. असीम रज़ा एक पाकिस्तानी कमर्शियल निर्देशक और निर्माता हैं, वे फिल्म और टेलीविजन में काम करते हैं. असीम ने एक वास्तुकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था. असीम को 2004 में "माही वे" के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत वीडियो निर्देशक का लक्स स्टाइल अवार्ड मिला था. असीम द्वारा निर्देशित टेलीविजन फिल्म बेहद ने 2013 में सर्वश्रेष्ठ टेलीविजन फिल्म का हम पुरस्कार जीता था.

परवेज मुशर्रफ की बेटी और दामाद 

फोटो : blog.siasat.pk

आयला ने दिल्ली घराने के उस्ताद नसीर-उद-दीन सामी के संरक्षण में शास्त्रीय संगीत सीखा है.

शादी के बाद आयला कराची चली गई थीं. कराची में एक डांस फेस्टिवल के दौरान आयला की मुलाकात ऑल पाकिस्तान म्यूजिक कॉन्फ्रेंस (APMC) के फाउंडर हयाल अहमद खान से हुई थी. उन्होंने हयात अहमद खान को बताया कि लहौर में किस तरह से सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे. आयला ने हयात पर कराची में भी वैसे कंसर्ट्स कराने का दवाब डाला. आखिरकार बतौर APMC बोर्ड मेंबर आयला ने 2004 में कराची में पहला कंसर्ट सफलतापूर्वक आयोजित किया.

अपनी बेटियों के साथ आयला

फोटो : blog.siasat.pk

2021 में आयला की बेटी मरियम रज़ा ने एक निर्देशक के तौर पर अपना करियर शुरू किया, मरियम ने 'प्यार दा मीटर' म्यूजिक वीडियो का निर्देशन किया है. वहीं आयला की दूसरी बेटी ज़ैनब रज़ा ने एक स्टाइलिस्ट के तौर पर काम करती हैं.

बिलाल मुशर्रफ : एक्चुरियल्स साइंस में ग्रेजुएट, बतौर शिक्षाविद बनाई पहचान

17 अक्टूबर 1972 में बिलाल का जन्म रावलपिंडी में हुआ था. चूंकि पिता मुशर्रफ आर्मी में थे इसलिए पूरे मुल्क में वे रहे. उनका ज्यादातर वक्त पंजाब प्रांत में गुजरा है. फौजी फाउंडेशन कॉलेज से उन्होंने साइंस स्ट्रीम में सीनियर सेकेंडरी की पढ़ाई की है. इसके बाद 1988-89 में कैडेट कॉलेज हसनंबदाल से प्री-इंजीनियरिंग की थी. 1990-92 के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, उसके बाद 1992-94 में यूनिवर्सिटी ऑफ इल्लिनॉइज अर्बाना शैंपेन से एक्चुरियल्स साइंस की डिग्री हासिल की थी.

1994 में बिलाल ने ऑटोमोबाइल इंश्योरर्स ब्यूरो के लिए एक एक्चुरियल एनालिस्ट के रूप में काम किया, बाद में वे उसी कंपनी में सीनियर एक्चुरियल एनालिस्ट बन गए. उन्होंने वहां 2000 तक काम किया. इसके बाद वे बोस्टन चले गए, जहां उन्होंने विलिस टावर्स वाटसन नामक कंपनी में बेनिफिट्स कंसल्टेंट के रूप में काम किया. इस दौरान बिलाल की शादी इरम आफताब से हुई, जोकि एक बैंकर हैं. बिलाल की बेटी भी है.

बिलाल मुशर्रफ

फेसबुक

बिलाल और उनकी पत्नी इरुम 

फोटो : फ्लिकर

2005-07 में बिलाल ने प्रसिद्ध स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एम.बी.ए किया. बिलाल के करियर की बात करें तो शुरुआत में 1994 से 2004 तक उन्होंने बोस्टन के विभिन्न संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया. इसके बाद दुबई में एडिया कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर रहे. यहां 9 महीने काम करने के बाद बिलाल ने चीन के न्यू होप ग्रुप में रिसर्च इंटर्नशिप की.

बिलाल मुशर्रफ एक शिक्षाविद् भी हैं. उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में खान एकडेमी में बतौर डीन ऑफ ट्रांसलेशन्स काम किया है. बाद में वे सिंगापुर की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी एडमोडा में वाइस प्रेसिडेंट भी रहे, जहां उनका काम ग्लोबल स्ट्रैटजी एंड बिजनेस मैनेजमेंट का था. हालांकि वो ग्लोबल एजुकेशन के क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं. मोटीवेटर का भी काम करते हैं. लिंक्ड-इन प्रोफाइल के अनुसार बिलास इस समय अबू धाबी में साइलेंट रॉर मीडिया में एडवाइजर के तौर पर काम कर रहे हैं.

एक इंटरव्यू में बिलाल ने कहा था कि "ना तो मैं पब्लिक फीगर हूं और ना ही बनना चाहता हूं." वे पालिटिक्स पर बात करना पसंद नहीं करते हैं. बिलाल ग्लोबल एजुकेशन के क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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