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महाराष्ट्र और हरियाणा में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. इन चुनावों को लेकर सी वोटर और एबीपी के प्री-पोल सर्वे में कहा गया है कि इन राज्यों में आधे से अधिक वोटर मौजूदा सरकार को हराना चाहते हैं. हालांकि सर्वे में ज्यादातर लोगों ने यह कहा कि इन दोनों राज्यों में किसी भी तरह बीजेपी की ही जीत की संभावना है.
सर्वे के मुताबिक जिन लोगों से राय ली गई उनमें से 57.5 फीसदी ने हरियाणा में और 54.9 फीसदी ने महाराष्ट्र में कहा वे तुरंत सरकार बदलना चाहते हैं. हरियाणा में 41.6 फीसदी और महाराष्ट्र में 44.6 फीसदी वोटरों ने कहा कि वे मौजूदा सरकार नहीं बदलना चाहते. दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है. मुख्यमंत्रियों को बदलने के मामले में भी इसी तरह का जवाब मिला.
हरियाणा में 52.8 फीसदी लोगों ने कहा कि सीएम मनोहर लाल खट्टर को तुरंत बदलना चाहते हैं. 46.8 फीसदी लोगों ने कहा कि वे खट्टर को नहीं बदलना चाहते. महाराष्ट्र में 54.5 फीसदी लोगों ने कहा कि वे सीएम देवेंद्र फडणवीस को बदलना चाहते हैं. 44.7 फीसदी लोगों ने कहा कि वे फडणवीस को नहीं बदलना चाहते. सर्वे के लिए महाराष्ट्र में जिन लोगों से बात की गई उनमें से 50 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा वे मौजूदा सीएम को बदलना चाहते हैं. हरियाणा में भी 50 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि वे सीएम बदलना चाहते हैं. हरियाणा में विधायक ज्यादा अलोकप्रिय थे. इनकी अलोकप्रियता महाराष्ट्र के सीएम और सरकार के बराबर ही थी.
ज्यादातर लोग एक तरफ तो कह रहे हैं कि वे बीजेपी को हराना चाहते हैं. दूसरी तरफ ये भी कह रहे हैं बीजेपी (महाराष्ट्र में शिवसेना) दोबारा सत्ता में आ रही है. आखिर ऐसा क्यों? इसकी तीन वजह है
सर्वे से साफ पता चलता है कि महाराष्ट्र और हरियाणा दोनों जगह लोगों में मौजूदा सरकार के खिलाफ गुस्सा है लेकिन विपक्ष इसे भुना नहीं पा रहा है. एक समस्या तो यह है कि विपक्षी दलों के पास बीजेपी के सीएम के खिलाफ कोई चेहरा नहीं है. सीएसडीएस के सर्वे में कहा गया है कि हरियाणा में 40.3 फीसदी लोगों कहा कि उन्हें सीएम कैंडिडेट के तौर पर सबसे ज्यादा पसंद खट्टर हैं. कांग्रेस के भूपिंदर सिंह हुड्डा और जेजेपी के दुष्यंत चौटाला उनसे काफी पीछे हैं. सिर्फ 19.9 लोगों ने हुड्डा और 14.2 फीसदी लोगों ने चौटाला को सीएम के तौर पर अपना पसंदीदा कैंडिडेट बताया.
महाराष्ट्र में यह फासला काफी ज्यादा है. 34.7 लोगों के लिए सबसे पसंदीदा सीएम देवेंद्र फडणवीस थी. कोई भी नेता पसंदगी के मामले में दस फीसदी तक नहीं पहुंच पाया. अजित पवार को सिर्फ 7.6 फीसदी लोग सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं जबकि राज ठाकरे को सिर्फ छह फीसदी लोग. शरद पवार को 6.8 फीसदी लोग सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं.
इस सर्वे में लोगों ने स्वीकार किया उन्हें दिक्कत हो रही है. लेकिन जब यह पूछा गया कि इन दिक्कतों को कौन दूर कर सकता है तो ज्यादातर लोगों ने विपक्षी की तुलना में बीजेपी को तवज्जो दी. हरियाणा में 29.1 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी ज्यादा अच्छे तरीके से समस्याएं सुलझा सकती हैं. 17.8 फीसदी लोगों ने कांग्रेस को तवज्जो दी. 36.6 फीसदी लोगों ने कहा कि कोई भी पार्टी समस्या नहीं सुलझा सकती है या उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसका मतलब यह है कि लोगों में काफी निराशा है.
महाराष्ट्र में 28.9 लोगों ने कहा कि बीजेपी समस्याएं सुलझा सकती हैं. जबकि कांग्रेस को इस मामले में 13.9 लोगों ने तवज्जो दी. 11.7 फीसदी लोगों ने माना कि एनसीपी ज्यादा अच्छे तरीके से समस्याएं सुलझा सकती है. 6.6 फीसदी लोगों महाराष्ट्र में इसके लिए शिवसेना को चुना. हरियाणा की तरह ही यहां भी 33.6 फीसदी लोगों ने कहा कोई भी पार्टी समस्याएं नहीं सुलझा सकतीं या फिर कोई जवाब नहीं दिया.
बीजेपी के पक्ष में जो तीसरा फैक्टर काम कर रहा है वह है पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता. हरियाणा में 71.6 फीसदी लोगों ने कहा कि नरेंद्र मोदी सबसे अच्छे पीएम कैंडिडेट हैं. वहीं 65 फीसदी लोगों ने महाराष्ट्र में उन्हें सबसे अच्छा पीएम कैंडिडेट माना. कोई भी दूसरा कैंडिडेट इस मामले में दहाई अंक को भी नहीं छू पाया. दोनों राज्यों में लगभग 64 फीसदी लोगों ने विधानसभा चुनावों में लोकसभा चुनाव का असर दिखेगा.
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Published: 18 Oct 2019,10:48 PM IST