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कोई FIR नहीं, फिर भी ED ने दो घंटे तक की पूछताछ: चिदंबरम

2 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद चिदंबरम को डेढ़ बजे के आसपास खाने के लिए जाने की अनुमति दी गई.

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कोई FIR नहीं, फिर भी ED ने दो घंटे तक की पूछताछ: चिदंबरम
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कोई FIR नहीं, फिर भी ED ने दो घंटे तक की पूछताछ: चिदंबरम
(फो: PTI)

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एयरसेल मैक्सिस केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को चिदंबरम से 2 घंटे से अधिक पूछताछ की. पूछताछ के बाद ED पर सवाल उठाते हुए चिदंबरम ने कहा कि जब कोई FIR दर्ज नहीं है और किसी अपराध का आरोप नहीं है फिर जांच आखिर हो क्यों रही है. उन्होंने कहा, मैंने जितने सारे जवाब दिए वो सभी एयरसेल - मैक्सिस सौदा से जुड़े सरकारी दस्तावेजों में पहले से दर्ज हैं. ये पहला मौका था जब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ED के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए थे.

2 घंटे से ज्यादा हुई पूछताछ

पी चिदंबरम मंगलवार सुबह 10.58 बजे एजेंसी के ऑफिस पहुंचे. उनके साथ एक वकील भी थे.इस दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये एजेंसी मुख्यालय परिसर के आसपास पुलिस , सीआरपीएफ जवानों का पहरा लगा हुआ था. अधिकारियों ने बताया कि 2 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद चिदंबरम को डेढ़ बजे के आसपास खाने के लिए जाने की अनुमति दी गई.

ED ने सोमवार को ही चिदंबरम को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिये नया समन भेजा था. एजेंसी मनी लांड्रिंग रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत चिदंबरम का बयान रिकॉर्ड कर रही है. एयरसेल - मैक्सिस सौदे में चिदंबरम की भूमिका जांच के घेरे में आई है.

कार्ति से पहले ही हो चुकी पूछताछ

इस मामले में ईडी उनके बेटे कार्ति से पहले ही पूछताछ कर चुका है. चिदंबरम ने इससे पहले हफ्ते स्पेशल कोर्ट के न्यायधीश ओपी सैनी की कोर्ट में गिरफ्तारी की कार्रवाई से बचने के लिए अग्रिम अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने मंगलवार को ही एक आदेश में ईडी को 10 जुलाई तक चिदंबरम को गिरफ्तारी या उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई से रोक दिया है. ED ने इससे पहलें चिदंबरम को 30 मई को उसके समक्ष पेश होने को कहा था.

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क्या है पूरा मामला?

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया था कि एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही डील को मंजूरी दी थी. ये डील 3500 करोड़ की थी.

नियमों के मुताबिक, वित्तमंत्री 600 करोड़ रुपये तक की डील को ही मंजूरी दे सकते थे. FIPB ने फाइल वित्तमंत्री के पास भेजी थी, जिसे उन्होंने मंजूरी दे दी.

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