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उत्तर प्रदेश: कभी BJP के वफादार रहे अजय राय को क्यों सौंपी गई कांग्रेस की कमान?

Uttar Pradesh | Ajay Rai वाराणसी की कोलासला सीट से 5 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था.

पीयूष राय
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>उत्तर प्रदेश: कभी BJP के वफादार रहे अजय राय को क्यों सौंपी गई कांग्रेस की कमान</p></div>
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उत्तर प्रदेश: कभी BJP के वफादार रहे अजय राय को क्यों सौंपी गई कांग्रेस की कमान

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हुआ है. यूपी कांग्रेस (Congress) की कमान अजय राय (Ajay Rai) को सौंपी गई है. पार्टी ने उन्हें यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है. वह बृजलाल खाबरी (Brijlal Khabri) की जगह लेंगे.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कमान अजय राय को सैंपना पार्टी के लिए बड़ा और अहम कदम माना जा रहा है, लेकिन कभी बीजेपी (BJP) में रहे अजय राय को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने की वजह क्या है? यूपी कांग्रेस में इस फेरबदल के क्या मायने हैं?

अजय राय को ही क्यों चुना गया?

एक समय में बीजेपी में मजबूत पकड़ रखने वाले अजय राय को आज उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने बड़ी जिम्मेदारी दी है, लेकिन सवाल है कि आखिर प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अजय राय को ही क्यों चुना गया?

वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि "कांग्रेस द्वारा अजय राय का चयन बताता है कि राज्य में अभी भी कांग्रेस नेतृत्व संकट से जूझ रही है."

"अजय राय तेज तर्रार और आक्रामक छवि वाले नेता हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी में दो बार चुनाव लड़ चुके हैं, बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रूप से लड़ते दिखाई देते हैं. अगर उनके बयानों पर नजर डालें तो उनकी छवि काम करवाने और काम निकलवाने वाले नेताओं जैसी है."

अजय राय वाराणसी की कोलासला सीट से 5 बार विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक बने. भारतीय जनता पार्टी की सरकार में उत्तर प्रदेश के मंत्री भी रहे. फिर कैसे राय ही प्रदेश अध्यक्ष के लिए सबसे ज्यादा योग्य हैं?

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बृजलाल खबरी की तुलना में अजय राय कांग्रेस की पसंद

"अजय राय इस पद के लिए योग्य उम्मीदवार हैं. कांग्रेस में आने से पहले उनकी पहचान बीजेपी के एक बड़े और वफादार नेता के रूप में रही है. उनके समुदाय का भी बीजेपी के प्रति समर्थन रहा है. लेकिन अब ये बात उनके पक्ष में जाती दिख रही है. ये उनके समुदाय के लिए एक संदेश है कि बीजेपी में रहा कोई नेता अब बीजेपी को ही टक्कर दे रहा है और ये भूमिहारों के लिए भी बड़ा संदेश है."
वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल

उन्होंने आगे कहा, "अजय राय गांधी परिवार की भी पसंद है, उन्होंने राहुल गांधी को लेकर एक बयान दे दिया कि वे अमेठी से चुनाव लड़ेंगे. इस बयान के बाद समझ आता है कि वे राहुल गांधी को लेकर इस तरह के बयान देने का अधिकार रखते हैं. इसका मतलब ये हुआ कि राहुल गांधी उन्हें ये हक देते हैं."

उन्होंने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में अजय राय की टक्कर का कोई नेता नहीं है, अगर ऐसा होता तो जाहिर तौर पर पश्चिम से ही कोई न कोई कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालता.

रतन मणि लाल ने कहा कि, "कांग्रेस का ये काफी बड़ा कदम है, और कांग्रेस को ये कदम 2019 में ही उठा लेना चाहिए था. अगर ऐसा हो पाता तो कांग्रेस को इसका फायदा मिलता, लेकिन पहले पार्टी में राय को इतना सपोर्ट नहीं था और आज उन्हें गांधी परिवार का समर्थन है."

बृजलाल खबरी को क्यों हटाया गया? 2022 में हुए यूपी के चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद अजय कुमार लल्लू से पार्टी की कमान छीन कर बृजलाल खाबरी के हाथों में सौंपी गई थी. लेकिन आज उन्हें भी पद से हटा दिया गया है. इस पर रतन मणि लाल ने कहा, "खाबरी पार्टी के अंदर सारे गुटों को एक साथ लेकर चलने में विफल रहे. खाबरी के बार में कुछ का कहना है कि एक बड़े गुट का उनको समर्थन नहीं था. वह पार्टी में ही उसके विरोधी गुट के साथ थे."

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