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समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के बीच खाई धीरे-धीरे गहराती जा रही है. दोनों पार्टियों के मुखिया के बीच तल्ख बयानबाजी से राजनीतिक गलियारों में इनके अलग होने की चर्चाएं अब जोर पकड़ रही हैं. इन चर्चाओं को और बल तब मिल गया जब SBSP के ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने अपने ताजा बयान में कहा कि वह SP की तरफ से तलाक का इंतजार कर रहे हैं.
हालांकि, इससे एक बात तो साफ हो गई कि SP की लगातार हार की वजह से उनकी सहयोगी पार्टियों से नहीं बन पा रही है. 2017 में SP कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव लड़ी थी और हार के बाद कांग्रेस अलग हो गई. वहीं 2019 में SP अप्रत्याशित तरीके से BSP के साथ गठबंधन में आई लेकिन यह साथ सिर्फ चुनाव तक ही रहा और अब हाल ही में 2022 में SP ने SBSP के साथ हाथ मिलाया था लेकिन यह गठजोड़ भी चुनावी हार के बाद कमजोर पड़ गया और अब धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर है.
हार के बाद नसीहत देते हुए ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव पर करारा निशाना साधते हुए कहा था कि एसी कमरों से बैठकर पार्टी नहीं चलती है, जमीन पर उतरना पड़ता है. पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्हें किसी की सलाह की जरूरत नहीं है.
दोनों पार्टियों के बीच दरार के संकेत एक बार फिर तब मिल गए जब राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा लखनऊ में थे और SP सहयोगी दल की बैठक बुलाई गई. बैठक में SP के सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी मौजूद थे लेकिन ओमप्रकाश राजभर को निमंत्रण नहीं मिला था.
इन सब घटनाक्रम के बीच अटकलों का दौर जारी है और अभी यह अनुमान लगाना मुश्किल होगा कि अखिलेश यादव अपने सहयोगी राजभर को मना कर अपने खेमे में रख पाते हैं या फिर राजभर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लेंगे.
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