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साल 2017 की बात है. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपर्णा यादव (Aparna Yadav) के सरोजनीनगर की गौशाला में आए थे. तब वहां एक रिपोर्टर ने अपर्णा से पूछा. क्या आप बीजेपी में शामिल हो सकती हैं. तब उन्होंने कहा था. भविष्य की बातों को भविष्य के गर्भ में छोड़ दें. तब का भविष्य आज का वर्तमान बन गया है. अपर्णा बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा अखिलेश अपना परिवार नहीं संभाल पाए. ऐसे में सवाल कि आखिर क्या ये यादव परिवार में नई फूट है. दरअसल ये कहानी बड़ी पुरानी है.
अपर्णा, प्रतीक यादव की पत्नी हैं. प्रतीक, मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे हैं. अपर्णा यादव और अखिलेश के बीच सियासी विरासत के लिए मनमुटाव की चर्चाएं काफी हुई हैं. प्रतीक तो राजनीति से दूर ही रहते हैं, लेकिन कहा जाता है कि उनकी पत्नी अपर्णा, डिंपल यादव की तरह ही अपना राजनीतिक हक चाहती हैं. फिर पार्टी में जगह की बात हो या फिर टिकट की. साल 2017 में भी अपर्णा ने टिकट मांगा तो अखिलेश ने मना कर दिया. तब मुलायम सिंह की सिफारिश पर अपर्णा को लखनऊ कैंट से टिकट मिला. लेकिन वे चुनाव हार गईं. इसने अखिलेश को यादव परिवार पर हावी होने की एक और वजह दे दी.
कोई ताज्जुब नहीं कि जब अपर्णा के बीजेपी में जाने पर पत्रकारों ने अखिलेश से पूछा तो उन्होंने कहा कि नेता जी यानी मुलायम सिंह यादव ने उन्हें बहुत समझाया, लेकिन वो नहीं मानीं.
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