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मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और बीजेपी का मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, यह सवाल लगातार उठते रहते हैं. इसको लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान अभी मुख्यमंत्री हैं, चुनाव के बाद कौन होगा, इस बारे में पार्टी को तय करना है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गरीब कल्याण महाअभियान के नाम से चौहान सरकार का केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने रिपोर्ट कार्ड 2002-2023 जारी किया और संवाददाताओं के सवालों का जवाब दिया. बीजेपी को बहुमत मिलने पर अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल पर अमित शाह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान अभी मुख्यमंत्री हैं, विधानसभा चुनाव के बाद क्या करना है, किसे जिम्मेदारी देनी है, इसके बारे में पार्टी को तय करना है.
उन्होंने पत्रकारों की तरफ इशारा करते हुए कहा, ''पार्टी का काम पार्टी को करने दीजिए, आप मत कीजिए.'
शाह ने अपने भाषण में विरोधियों के 24 घोटालों का जिक्र किया और कमलनाथ पर गंभीर आरोप लगाए. इसी पर एक पत्रकार ने सवाल किया कि राज्य में 20 साल और केंद्र में नौ साल से बीजेपी की सरकार है फिर कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती?
इस सवाल के जवाब में शाह ने कहा, ''हमने कभी भी पॉलिटिकल वेंडेटा से कार्रवाई नहीं की है, उन्होंने जो सारे घोटाले किए, उनके खिलाफ जांच चल रही है, अब कांग्रेस क्या किसी भी नेता या किसी भी नेता का भाषण सुनिए तो उसमें जांच एजेंसियों को लेकर हाय-तौबा मिलेगी, मगर जांच की एक गति होती है, जांच कोर्ट के नियमों के अनुसार होती है, इसमें समय लगता है.
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर यह सवाल कमलनाथ की तरफ से स्पॉसर है तो उन्हें ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे जांच की गति और तेज हो सकती है.'
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और खुद के अलावा कई नेताओं का उदाहरण दिया और कहा कि ये सभी किस परिवार से आए हैं? परिवारवाद वाकई में वह है, जिसमें किसी परिवार विशेष की मिल्कियत पार्टी और सरकार में रहती है या उस पर एक परिवार का अधिकार रहता है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके जैसे अनेक दल इसके उदाहरण हैं.'
अमित शाह ने साफ किया कि वह किसी का नाम नहीं लेना चाहते, लेकिन कई दलों को देखकर परिवारवाद का अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र और देश के लिए जहर है. इन दलों और सरकार पर एक परिवार की मिल्कियत रहती है.
साल 2018 के विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में कांग्रेस ने जातिवादी आंदोलन खड़ा करने का प्रयास किया, जातिवाद का जहर जनता में घोलने का प्रयास किया, वह चुनाव जातिवाद के घोले गए जहर की परछाई में लड़ा गया था, इसलिए उस समय भाजपा को कांग्रेस से अधिक वोट मिले थे.
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