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MP Election 2023 BJP First list: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही राज्य में बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सभी को आश्चर्य चकित कर दिया है. चुनावों की तारीखों का ऐलान जब होगा तब होगा लेकिन MP में बीजेपी ने चुनावी बिगुल बजा दिया है. बीजेपी ने 17 अगस्त को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची जारी कर दी है.
230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में बीजेपी ने पहली लिस्ट में 39 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. इस सूची में 21 आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं.
पहली सूची में 8 अनुसूचित जाति के उम्मीदवार और 13 अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार का नाम है.
पहली सूची में पांच महिलाएं भी शामिल हैं जिन्हें टिकट दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बीजेपी के प्रदेश सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि, "कुछ चुनौतीपूर्ण सीटों पर हार के बाद से हम अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की दिशा में काम कर रहे हैं. हमने उम्मीदवारों की घोषणा जल्दी कर दी क्योंकि इन सीटों पर कई उम्मीदवार उभरकर सामने आ रहे हैं. हमने स्पष्टता और अंदरूनी कलह को रोकने के लिए सूची की घोषणा की है."
वहीं क्विंट हिंदी से बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी ने कहा कि, "पहली सूची जारी कर बीजेपी ने रिस्क लिया है. इससे बीजेपी को ज्यादा लाभ मिलता नहीं दिखता." दीपक तिवारी ने बताया:
चुनाव से तीन महीना पहले 39 उम्मीदवारों की सूची जारी करना मतलब, जनता इन उम्मीदवारों से मदद मांगने पहुंच सकती है, क्योंकि इन प्रत्याशियों की पार्टी पहले ही सत्ता में है. ऐसे में इन प्रत्याशियों को जनता को जवाब देना मुश्किल हो सकता है.
असल में बीजेपी ने अपनी पहली सूची को जारी करने के साथ पहली चाल को उजागर कर दिया है. इससे विपक्षी दल को अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा में मदद मिल सकती है.
कई जगह टिकट वितरण पर विरोध प्रदर्शन हुआ, तो बीजेपी पहले ही ये भापना चाहती है कि किसी सीट पर समस्या बनी है ताकी उसे पहले ही निपटाया जा सके.
इतनी जल्दी सूची जारी करना, ये एक तरह से नकल दिखाई देती है, क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस ने भी ऐसा ही प्रयोग किया था. लेकिन वहां कांग्रेस विपक्ष में थी. एमपी में बीजेपी सत्ता में है.
इससे ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि क्या चुनाव भी जल्द करवाएं जाएंगे, क्या पहली सूची को जल्दी जारी कर बीजेपी जल्द चुनाव करवाने का संकेत दे रही है?
बीजेपी की इस सूची में कुछ पूर्व विधायक भी शामिल हैं जो पिछला चुनाव हार गए थे. इनमें तीन पूर्व मंत्री भी शामिल हैं. हारे हुए प्रत्याशियों में शामिल हैं:
लाल सिंह आर्य (गोहद), अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रमुख
ललिता यादव (छतरपुर), प्रदेश उपाध्यक्ष
मधु वर्मा (राऊ)
निर्मला भूरिया (पेटलावद)
आत्माराम पटेल (कसरावद)
लखन पटेल (पथरिया)
राजेश वर्मा (गुन्नौर)
सुरेंद्र सिंह गहरवार (चित्रकूट)
ओमप्रकाश धुर्वे (शाहपुरा)
नानाभाऊ मोहोड़ (सौंसर)
राजकुमार मेव (महेश्वर)
एदल सिंह कंसाना (सुमावली)
इस सवाल पर इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बीजेपी के प्रदेश सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि, “हमें किसी नेता को सिर्फ इसलिए खारिज नहीं करना चाहिए क्योंकि वह चुनाव हार गया है, वरना राजनीति में मौजूद कई शीर्ष नेता आज उस पद पर होते ही नहीं. यह कोई मुद्दा नहीं है. उम्मीदवारों का चयन कार्यकर्ताओं की भावनाओं, मतदाताओं की आशाओं और जीत की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया गया है."
वहीं दीपक तिवारी कहते हैं कि, "बीजेपी ने अपने इंटरनल सर्वे के बाद इन्हें टिकट दिया होगा, ये जीतने की क्षमता रखते होंगे और जातीय समीकरण के हिसाब से भी फिट बैठते हैं."
वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी ने कहा कि, "2018 में शिवराज सिंह की लोकप्रियता अपने उच्चतम स्तर पर थी लेकिन इसके बावजूद बीजेपी को चुनावी नतीजों में धक्का लगा है. मध्य प्रदेश में बीजेपी की जमीन खिसकती हुई नजर आ रही है."
उन्होंने आगे कहा कि, मध्य प्रदेश में बीजेपी के सारे फैसले अब सीधे पीएम मोदी और अमित शाह की देख रेख में लिए जाएंगे.
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