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बिहार में अमित शाह की डिजिटल रैली से बीजेपी के चुनावी बिगुल बजाने के पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट के वक्त चुनाव अभियान चलाना राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश है.
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ ‘‘सौतेला’’ व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा होगा.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह 7 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘बिहार जनसंवाद रैली’ को संबोधित करेंगे. इस बारे में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि पार्टी ने रैली के जरिए बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम एक लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य तय किया है. इसके अलावा सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी लोग शाह का भाषण सुन पाएंगे.
इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘‘इस समय चुनाव अभियान चलाना राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश जैसा है. गरीबों, जरूरतमंद और प्रवासी श्रमिकों की मदद करने के बजाए वे जान की कीमत पर चुनाव जीतना चाहते हैं.''
इससे पहले तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा था, ''लोग कोरोना और भूख से मर रहे हैं लेकिन बीजेपी रैली कर रही है. इनकी संवेदनहीनता के प्रतिकार में आरजेडी भी 7 जून को ही “गरीब अधिकार दिवस” मनाएगी. सभी बिहारवासी उस दिन थाली-कटोरा बजाएंगे.''
बता दें कि बिहार में बीजेपी का जेडीयू और एलजेपी के साथ गठबंधन है. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस के महागठबंधन से हार मिली थी, लेकिन नीतीश कुमार ने 2017 में अपनी राह अलग कर ली और फिर से बीजेपी से हाथ मिला लिया था.
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Published: 07 Jun 2020,10:51 AM IST