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17 कैंपेन, यूट्यूब पर सुपरहिट गाना,PK ने ऐसे दिलाई जगन मोहन को जीत

जगन मोहन रेड्डी की बड़ी जीत के पीछे प्रशांत किशोर (PK) का ही दिमाग बताया जा रहा है.

अभय कुमार सिंह
पॉलिटिक्स
Published:
जगन मोहन रेड्डी के साथ प्रशांत कुमार
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जगन मोहन रेड्डी के साथ प्रशांत कुमार
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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इलेक्शन मैनेजमेंट के महारथी प्रशांत किशोर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की बड़ी जीत के पीछे प्रशांत किशोर (PK) का ही दिमाग बताया जा रहा है. दरअसल, PK की I-PAC ने ही जगन मोहन की चुनावी रणनीति तैयार की थी. नतीजा सामने है, विधानसभा चुनाव में YSRCP ने 175 में से 151 सीटें हासिल की हैं.

PK और I-PAC ने जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP के लिए मई 2017 से काम करना शुरू किया था.

17 कैंपेन में तैयार हुआ जीत का मास्टरप्लान

पिछले दो सालों में PK और I-PAC ने YSRCP के लिए कुल 17 कैंपेन चलाए, जिसमें 13 ऑनग्राउंड कैंपेन थे और 4 ऑनलाइन कैंपेन. सबसे पहले पार्टी के कैडर को मजबूत करने पर काम किया गया. क्योंकि हर कैंपेन को चलाने के लिए कार्यकर्ताओं की जरूरत पड़ती, तो बूथ लेवल पर कार्यकर्ताओं को तैयार करने का जिम्मा पीके की टीम ने लिया और बखूबी पूरा भी किया.

प्रजा संकल्प यात्रा

इस यात्रा को जगन मोहन रेड्डी और पीके की टीम का 'मास्टरस्ट्रोक' भी माना जा सकता है. प्रजा संकल्प यात्रा के जरिए जगन ने करीब  3,600 किलोमीटर की यात्रा की. आंध्र प्रदेश में कडप्पा से श्रीकाकुलम तक 14 महीने की इस यात्रा के दौरान जगन ने राज्य के करीब 2 करोड़ लोगों से सीधा संवाद किया.

'जगन अन्ना पिलुपु' कैंपेन

इस कैंपेन के जरिए जगन ने 60,000 से अधिक गांव-स्तर के जाने माने लोगों को लेटर लिखा और आंध्र प्रदेश के विकास के लिए उनका इनपुट मांगा.

नवरत्नालु संभालु कैंपेन

इस कैंपेन के जरिए YSRCP का संदेश का कार्यकर्ता जनता के बीच गए और YSR कांग्रेस से जुड़ने के लिए आग्रह किया. इसी के साथ समारा शंकरवम कैंपेन के तहत पार्टी के 5 लाख बूथ कार्यकर्ताओं के साथ हर जिले में बैठक की एक सीरीज भी चलाई गई.

इतना ही रवाली जगन, कवाली जगन नाम का कैंपेन सॉन्ग भी चलाया गया. अब ऐसा दावा किया जाता है कि ये यूट्यूब पर 2 करोड़ से ज्यादा व्यूज के साथ सबसे ज्यादा देखा जाना कैंपेन सॉन्ग है.

यू ही नहीं चुनावी उस्ताद माने जाते हैं पीके

प्रशांत किशोर इससे पहले बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार, 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत के मास्टरमाइंड भी करार दिए जा चुके हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में 'चाय पर चर्चा' सुर्खियों में रही थी. इस हटके इवेंट का कॉन्सेप्ट प्रशांत किशोर का ही था. 2014 में वो बीजेपी और मोदी के लिए कैंपेन संभाल रहे थे. नतीजा सबके सामने है. इन चुनाव के बाद से ही प्रशांत किशोर बतौर चुनावी रणनीतिकार सभी पार्टियों की पहली पसंद बनते नजर आए. कांग्रेस, जेडीयू समेत कई पार्टियों ने प्रशांत की टीम को अपने साथ जोड़ा.

2015 विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की टीम ने नीतीश कुमार की पार्टी की तरफ से चुनावी रणनीति तैयार की. इस दौरान ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’ नारा काफी छाया रहा. ये कमाल पीके की टीम का ही था.

साल 2016 पंजाब इलेक्शन में प्रशांत किशोर ने अमरिंदर सिंह के लिए चुनावी रणनीति तैयार की. नतीजा ये रहा कि कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई. इसके बाद से बतौर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की अहमियत और बढ़ गई.

अब नेता बन गए हैं प्रशांत किशोर

16 सितंबर को प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता ले ली. अब वो औपचारिक तौर पर नीतीश कुमार की पार्टी के कार्यकर्ता बन गए हैं.

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