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अर्णब चैट लीक: पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी बोले-ये तो देशद्रोह है

अर्णब गोस्वामी और BARC के पूर्व सीईओ की चैट लीक को लेकर कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कई पूर्व मंत्री शामिल

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
रिपब्लिक टीवी के फाउंडर अर्नब गोस्वामी
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रिपब्लिक टीवी के फाउंडर अर्नब गोस्वामी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी और रेटिंग एजेंसी BARC के पूर्व सीईओ के बीच कथित वॉट्सऐप चैट लीक चर्चा में है. चैट में दिखाए गए मैसेज राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ और ऐसे ही कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं. अब इस मामले को लेकर कांग्रेस की तरफ से एक "हाई पावर प्रेस कॉन्फ्रेंस" की गई. जिसमें पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी, पूर्व कानून मंत्री खुर्शीद और अन्य बड़े नेता भी शामिल थे. जिन्होंने बताया कि कैसे ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक है.

यूपीए सरकार के बड़े पूर्व मंत्री आए सामने

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने अर्णब गोस्वामी चैट लीक मामले को लेकर जब प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की तो उन्होंने इसे एक "हाई पावर प्रेस कॉन्फ्रेंस" बताया.

इसे आगे समझाते हुए उन्होंने बताया कि, इस बैठक में पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी, पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, अलग-अलग मंत्रालय संभालने वाले गुलाम नबी आजाद और पूर्व विदेश, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद जैसे लोग शामिल हैं.

कांग्रेस ने कहा कि 73 साल के इतिहास में राष्ट्रीय सुरक्षा से ऐसा खिलवाड़ होते हुए किसी ने नहीं देखा. बड़े पदों पर बैठे लोग इतने बौने कैसे हो जाते हैं, जो एक ऐसे व्यक्ति के साथ मिलकर जो खुद को पत्रकार कहता है, उसके साथ मिलकर अपना ईमान बेच रहे हैं.

भारतीय जवानों को खतरे में डाला गया

इस दौरान पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि, “अर्णब गोस्वामी और BARC के पूर्व सीईओ के बीच जो बातचीत सामने आई है, वो काफी ज्यादा गंभीर है. हर देशभक्त भारतीय के लिए ये चिंता की बात है. ये पूरी तरह से नेशनल सिक्योरिटी पर असर करता है. इस मामले में हमारे बहादुर जवानों और एयर वॉरियर्स को भी खतरे में डाला गया. भारत में लगभग हर मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच मतभेद रहते हैं, लेकिन जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है तो भारत एक हो जाता है. पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी भारतीय भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक साथ खड़े होते हैं.” एंटनी ने आगे कहा,

“ये साफ हो चुका है कि नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े क्लासीफाइड डॉक्यूमेंट ऐसे शख्स के साथ शेयर किए गए, जो आधिकारिक तौर पर इन्हें पाने के लिए अधिकृत नहीं था. गोस्वामी और दासगुप्ता की चैट में पुलवामा हमले को लेकर जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उससे मैं काफी दुखी और आश्चर्यचकित हूं. एक पत्रकार को कैसे एयरस्ट्राइक की जानकारी कई दिन पहले मिल गई थी? इसे लेकर करीब 4 या 5 लोगों को ही जानकारी होती है. जो मिलिट्री ऑपरेशंस की जानकारी रखते हैं.”
पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी
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सिर्फ मंत्री और अधिकारी कर सकते हैं जानकारी लीक

पूर्व रक्षामंत्री ने कहा कि ये जानकारी सिर्फ बड़े नेता और अधिकारी ही लीक कर सकते हैं. उन्होंने कहा, "मैंने मिलिट्री के लोगों के साथ काम किया है, इसीलिए मैं कहता हूं कि कोई भी मिलिट्री का शख्स कभी भी जानकारी लीक नहीं कर सकता है. जानकारी लीक करने वाला या तो कोई बड़ा नेता हो सकता है या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा कोई अधिकारी ये कर सकता है. ये एक एंटी नेशनल एक्टिविटी है. जो भी इसमें शामिल है उसे सजा दी जानी चाहिए. लेकिन सरकार ने अब तक इस मामले को लेकर कुछ नहीं किया है. सरकार को इसकी पूरी जांच करनी चाहिए."

भारतीय पत्रकारिता के लिए ये घटना लांछन- शिंदे

पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस मामले को लेकर कहा कि, भारतीय पत्रकारिता के लिए अर्णब गोस्वामी का ये मामला एक लांछन की तरह है. उन्होंने कहा कि, जब भी इस देश में कभी लड़ाई का फैसला लेना होता है, कभी इंटेलिजेंस का सहारा लेकर कुछ काम करना होता है तो उसमें प्रमुख तौर पर चार मंत्री रहते हैं. साथ ही एनएसए भी बैठक में होते हैं.

शिंदे ने आगे कहा, किसी पत्रकार और किसी संस्था ने इतने सालों में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट का इस तरह उल्लंघन किया, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. हमने दो-तीन युद्ध देखे, अलग-अलग सरकारें देखीं, लेकिन ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन करने की बात सामने नहीं आई थी. ये हमारे देश और आने वाली सरकारों के लिए काफी जरूरी है. इसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस चैट लीक में न्याय पालिका को लेकर हुई बातचीत को लेकर सवाल उठाए और कहा कि इस मामले में हाई लेवल जांच होनी चाहिए.

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