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दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) द्वारा पिछले साल लॉकडाउन के दौरान दिए गए बयान पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्या सरकार किराया भरने में असमर्थ किरायेदारों के किराए (Tenant rent) का भुगतान करेगी ?
इसी साल जुलाई में, जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने फैसला सुनाया था कि अरविंद केजरीवाल ने जो वादा या आश्वासन दिया था वो "स्पष्ट रूप से एक लागू करने योग्य वादे के बराबर है", जिसे लागू करने पर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए.
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की बेंच ने दिल्ली सरकार को छह हफ्ते में किराया पॉलिसी पर फैसला लेने और स्पष्ट नीति बनाने का निर्देश दिया था. इस फैसले को राज्य सरकार ने चुनौती दी थी.
इसके बाद, कोर्ट ने सरकार से पूछा, “आपका भुगतान करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन आपने बयान दिया है. क्या हमें इसे रिकॉर्ड करना चाहिए?"
कोर्ट ने आगे कहा कि “क्या आप 5 प्रतिशत भी देने को तैयार हैं ? एक पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करें और 1,000 लोग आपके पास आएंगे, ”
सीएम केजरीवाल ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान कहा था,
कोर्ट ने पिछले फैसले में कहा था कि, "जीएनसीटीडी, मुख्यमंत्री द्वारा 29 मार्च 2020 को किरायेदारों और मकान मालिकों को किए गए वादे को निभाने का निर्णय छह हफ्ते की अवधि में ले."
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