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राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें सामने आ रही हैं. इस बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लोग उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रच रहे हैं. हालांकि, सीएम गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेदों को लेकर भी चर्चा तेज है.
ऐसे में एक अटकल यह भी सामने आ रही है कि जिस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार गिर गई, वही हाल गहलोत सरकार का न हो जाए.
अशोक गहलोत ने शनिवार को बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा,‘‘कोरोना वायरस संक्रमण के वक्त में बीजेपी के नेताओं ने मानवता और इंसानियत को ताक पर रख दिया है... ये लोग सरकार गिराने में लगे हैं. ये लोग सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार से तोड़-फोड़ करें ... खरीद फरोख्त कैसे करें ... इन तमाम काम में लगे हैं.’’
हालांकि गहलोत ने यह भी कहा, ''राजस्थान में सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी और पांच साल चलेगी.’’
गहलोत के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ''राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी फिल्म के एक्टर, विलेन और स्क्रिप्ट राइटर हैं. वह अपनी पार्टी के (प्रदेश) अध्यक्ष को किनारे करने के लिए बीजेपी के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं. मैं मांग करता हूं कि वह इस बात को सार्वजनिक करें कि उनके हिसाब से, कितने कांग्रेस विधायक बिकने के लिए तैयार हैं.''
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि गहलोत और पायलट के बीच 'अहम का टकराव' है. नेताओं का मानना है कि दोनों के बीच 'गहरा अविश्वास' है, जो पिछले डेढ़ साल में कई बार दिखा है. मध्य प्रदेश में सिंधिया के मामले का हवाला देते हुए, एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और AICC महासचिव ने कहा कि "ऐसी परिस्थितियों में किसी भी बात की गारंटी नहीं है."
राजस्थान में दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले ही गहलोत और पायलट के बीच तकरार शुरू हो गई थी. विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार चयन के दौरान विवाद सामने आया था, इसके बाद यह तब बढ़ गया जब पार्टी हाई कमान ने अनुभवी गहलोत को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना.
इसके बाद जब विभागों के बंटवारे की बात आई, तब भी गहलोत और पायलट के बीच तनातनी की खबरें आईं और तत्कालीन पार्टी प्रमुख राहुल गांधी को दखल देना पड़ा. हालांकि, गहलोत ने वित्त और गृह सहित नौ विभागों को अपने पास रखा. लोकसभा चुनाव में जोधपुर से अपने बेटे वैभव को मैदान में उतारने की गहलोत की इच्छा अगला अध्याय थी.
शनिवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब गहलोत से पूछा गया कि क्या सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो उन्होंने जवाब दिया, ''कौन मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहता? हमारी तरफ, 5-7 उम्मीदवार होंगे, जो सक्षम और प्रतिभावान हैं. मगर एक व्यक्ति ही मुख्यमंत्री बन सकता है.''
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Published: 12 Jul 2020,01:18 PM IST