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आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ी 7 हेक्टेयर यानी की करीब 140 बीघा जमीन की लीज को रद्द कर दिया है. समाजवादी पार्टी की सरकार के वक्त आजम खान को ये जमीनें मिली थीं. अब कोर्ट ने इस जमीन की 30 साल की लीज को रद्द करने का फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है.
कोसी नदी की 7 हेक्टेयर जमीन को समाजवादी पार्टी के सरकार में रहते आजम खान को लीज पर दी गई थी. ये जमीन रेत की है और कोर्ट ने पाया है कि ये सार्वजनिक है. जौहर यूनिवर्सिटी के नाम पर ये जमीन 30 साल के लिए लीज पर ली गई थी. साथ ही ये बात भी सामने आई कि इस जमीन को जब लीज पर दिया गया था उस वक्त भी कई नियमोंं और कानूनों को ताक पर रखा गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसडीएम कोर्ट के फैसले के बाद इस जमीन पर से अब आजम खान का कब्जा हट जाएगा.
आजम खान इन दिनों कई विवादों में घिरे हुए हैं. आजम खान के खिलाफ जमीन कब्जे से कई केस दर्ज हो चुके हैं. मामले ने तब तूल पकड़ा जब 26 किसानों ने जबरदस्ती जमीने कब्जा करने की शिकायतें दर्ज कराई.
इसके बाद पीडब्लयूडी ने एसडीएम कोर्ट में शिकायत की थी. पीडब्लयूडी के मूताबिक यूनिवर्सिटी बनाने के दौरान कई सड़कों पर कब्जा किया, जो आसपास के गांवों को जोड़ती थी. इसी मामले में एसडीएम कोर्ट ने आजम खान पर 3 करोड़ 27 लाख 60 हजार का जुर्माना लगाया था. साथ ही कहा था कि ये रकम आजम खां पीडब्लयूडी को देने होंगे.
ये सब चल ही रहा था कि लोकसभा में तीन तलाक बिल पर बहस के दौरान आजम खान ने लोकसभा की संचालन कर रहीं बीजेपी की लालगंज से सांसद रमा देवी पर टिप्पणी कर दी. इस टिप्पणी के लिए आजम खान बीजेपी समेत कांग्रेस, टीएमसी, बीएसपी के निशाने पर आ गए.
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