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महाराष्ट्र (Maharashtra) कांग्रेस को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता और बांद्रा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी ने गुरुवार (8 फरवरी) को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी. सिद्दीकी लगभग 48 साल तक पार्टी के वफादार रहे. उन्होंने एक्स पद पर अपने इस्तीफे की घोषणा की.
सिद्दीकी ने कहा, "मैं एक युवा किशोर के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ था और यह 48 वर्षों तक चलने वाली एक महत्वपूर्ण यात्रा रही है. ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिन्हें मैं कहना चाहता हूं लेकिन जैसा कि कहा जाता है, कुछ चीजें अनकही रहना ही बेहतर है."
हालांकि उन्होंने अपने भविष्य की योजनाओं का संकेत नहीं दिया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में ऐसी अटकलें हैं कि वह डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
सिद्दीकी 1992 और 1997 में दो बार बीएमसी नगर निगम पार्षद चुने गए, और 1999, 2004 और 2009 में तीन बार बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे, साथ ही म्हाडा के अध्यक्ष (2000-2004) के रूप में भी काम किया.
उनके 34 वर्षीय बेटे जीशान सिद्दीकी बांद्रा पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से अभी कांग्रेस विधायक हैं, और मुंबई युवा कांग्रेस के नेता भी हैं.
बता दें कि पिछले महीने ही पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवरा (47) ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. उन्होंने एक्स पर इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा था कि पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है. मैं वर्षों से उनके अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं.
मिलिंद कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय मुरली देवर के पुत्र हैं. मिलिंद का मुंबई दक्षिण सीट पर काफी प्रभाव माना जाता है. उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का दामना थाम लिया था. देवरा ने कहा था कि वो विकास के रास्ते पर चल रहे हैं.
दरअसल, एक तरफ कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा'चल रही है तो दूसरी तरफ उसके नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है. ये सब ऐसा वक्त हो रहा है जब लोकसभा चुनाव को होने में सिर्फ 2 महीने से भी कम का समय बचा है.
जानकारी के अनुसार, पिछले चार साल में कांग्रेस छोड़ने वाले कई ऐसे नेता, जिन्हें गांधी परिवार और राहुल गांधी का करीबी माना जाता था लेकिन धीरे-धीरे सभी पार्टी से अलग हो गए. इसमें कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, हार्दिक पटेल, अश्विनी कुमार, सुनील जाखड़, आर पी एन सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, अल्पेश ठाकोर और अनिल एंटनी का नाम शामिल है.
(इनपुट-IANS के साथ)
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