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भारतीय किसान यूनियन में फूट, 32 साल पुराने साथी ने क्यों की बगावत?

क्या नई भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) में शामिल लोगों का बीजेपी कनेक्शन है?

विकास कुमार
पॉलिटिक्स
Published:
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Bharitya Kisan Union splits:Rakesh Tikait Rajesh Singh Chauhan

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भारतीय किसान यूनियन (BKU) दो धड़ों में बंट गया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ राजेश सिंह चौहान ने मोर्चा खोल दिया. वो यूनियन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे, लेकिन अब उन्होंने नई भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) बना लिया है. उन्होंने टिकैत भाईयों पर राजनीतिक दलों के हित में काम करने का आरोप लगाया है. ऐसे में समझना जरूरी हो जाता है कि आखिर राजेश सिंह चौहान कौन हैं और बीकेयू में दो फाड़ की वजह क्या है?

सबसे पहले समझ लेते हैं कि बाबा टिकैत की पुण्यतिथि पर क्या हुआ? दरअसल, लखनऊ के गन्ना संस्थान में रविवार को विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इसी में कार्यकर्ताओं ने नए संगठन का ऐलान कर दिया. कुछ देर बाद राकेश टिकैत ने एक ट्वीट कर जानकारी दी कि भारतीय किसान यूनियन से 7 लोगों को बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने लिखा,

किसान हितों पर कुठाराघात करते हुए कुछ लोगों ने भारतीय किसान यूनियन से अलग कथित संगठन बनाने की घोषणा की है. किसान हितों के विरोधी ऐसे तत्वों को तत्काल प्रभाव से बीकेयू से बर्खास्त किया गया है. महेंद्र सिंह टिकैत अमर रहें. किसान एकता जिंदाबाद.

सात नामों में, राजेश सिंह चौहान (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), अनिल तालान (राष्ट्रीय महासचिव), हरिनाम वर्मा (प्रदेश उपाध्यक्ष), मांगेराम त्यागी (यूपी/एनसीआर अध्यक्ष), दिगम्बर सिंह (मंडल अध्यक्ष मुरादाबाद), धर्मेंद्र मलिक (मीडिया प्रभारी), राजबीर सिंह (प्रदेश उपाध्यक्ष) था.

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भारतीय किसान यूनियन में टूट अचानक नहीं हुई, बल्कि इसकी पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी. बस एक ऐसे खास दिन का इंतजार था, जब नए संगठन का ऐलान किया जा सके. इस पटकथा को लिखने के पीछे राजेश सिंह चौहान का नाम सबसे पहले है.

राजेश सिंह चौहान 32 साल से यूनियन में सक्रिय

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के रहने वाले राजेश सिंह चौहान 32 साल से भारतीय किसान यूनियन में सक्रिय हैं. वो साल 1990 में बतौर जिलाध्यक्ष यूनियन से जुड़े थे. फिर किसानों से जुड़ी समस्याओं को लेकर सड़क से लेकर रेल रोको आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. नतीजा ये हुआ कि पहले उन्हें प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. राजेश सिंह चौहान सीधे तौर पर कभी किसी पार्टी से नहीं जुड़े, लेकिन साल 2017 में उनके भाई भूपेंद्र की बहू बीना सिंह निर्दलीय ब्लॉक प्रमुख बनी थी.

8-9 महीने पहले टिकैत बंधुओं से मतभेद शुरू हुआ

भारतीय किसान यूनियन से अलग होने पर राजेश सिंह चौहान ने कहा, राकेश टिकैत और नरेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता होंगे, लेकिन हमने एक अलग यूनियन बनाने का फैसला किया है जो 'भारतीय किसान यूनियन गैर-राजनीतिक' होगा.

हमने अपना रास्ता बदला और इस संगठन का राज्य से देश स्तर तक विस्तार करेंगे. पिछले आठ-नौ महीनों से हमारे बीच मतभेद था, जिसके कारण हमने उन्हें कई बार समझाया और हमारा वैचारिक मतभेद इसका कारण था.

यह सब सरकार के इशारे पर हो रहा है: राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा, यह सब सरकार के इशारे पर हो रहा है. हमारा संगठन भारतीय किसान यूनियन है, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत हैं. संगठन पर चंद लोगों के छोड़ने का कोई प्रभाव नही पड़ेगा. जिस तरह से 13 महीने बाद बिल का समर्थन कर रहे हैं, तो इसमें राजनीति लगती है. हम सरकारों की खराब पॉलिसी के खिलाफ काम करते हैं, किसी विशेष दल के लिए नहीं.

नया संगठन बनाने वालों का बीजेपी कनेक्शन?

राजेश सिंह चौहान भले ही कभी किसी राजनीतिक दल के साथ नहीं रहे हो, लेकिन गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक बीजेपी के समर्थक माने जाते रहे हैं. किसान आंदोलन के दौरान कई बार तत्कालीन विधायक उमेश मलिक के समर्थन में भी बोल चुके हैं. उन्हें नए संगठन का संरक्षक बनाया गया है. चौधरी राजेंद्र सिंह ने नवंबर 2021 में भी नरेश टिकैत के खिलाफ मोर्चा खोला था. तब बीकेयू के मुख्यालय सिसौली में बीजेपी विधायक उमेश मलिक पर हमला हुआ था. नामजद आरोपियों के पक्ष में चौधरी नरेश टिकैत ने खुलकर बयान दिया था तो गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र सिंह उनके सामने खुलकर खड़े हो गए थे.

नए संगठन में धर्मेंद्र मलिक को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है. ये योगी सरकार में कृषि समृद्ध आयोग के सदस्य रह चुके हैं. अन्य नामों में दिगंबर सिंह को प्रदेश युवा विंग का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि हरनाम सिंह को प्रदेश अध्यक्ष और मंगेराम त्यागी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होंगे.

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