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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की भोपाल हॉट सीट (Bhopal Lok Sabha Seat) बनने जा रही है. यहां से बीजेपी ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट काट कर आलोक शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने अरुण श्रीवास्तव को टिकट दिया है. आइए आपको भोपाल लोकसभा सीट के बारे में बताते हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव में प्रज्ञा सिंह भले ही भारी मतों से जीती लेकिन बीजेपी ने भरोसा आलोक शर्मा पर किया है. ब्राह्मण समाज से आने वाले आलोक शर्मा 1994 में निगम पार्षद रह चुके हैं. 2015 में वो भोपाल नगर निगम के महापौर रहे हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में वो भोपाल उत्तर से मैदान में थे लेकिन हार गए थे.
कांग्रेस ने पिछली बार इस सीट दिग्विजय सिंह को टिकट दिया था लेकिन इस बार अरुण श्रीवास्तव को अपना उम्मीदवार बनाया है. अरुण श्रीवास्तव पेशे से वकील हैं और कायस्थ समाज से आते हैं. अरुण कांग्रेस पार्टी के भोपाल इकाई के उपाध्यक्ष समेत कई अहम पदों पर रह चुके हैं.
इस संसदीय क्षेत्र में इस बार 23 लाख 28 हजार 59 मतदाता वोट डालेंगे. 2019 के मुकाबले इस चुनाव में 2.26 लाख वोटर ज्यादा है. मोटे तौर पर बात करें तो 56 फीसदी हिंदू हैं और 40 फीसदी आबादी मुस्लिम हैं.
फिलहाल सियासी रण में इस बार खेल दिलचस्प है. देखना ये है कि जीते हुए प्रत्याशी का टिकट काटकर नए उम्मीदवार को मैदान में उतारना बीजेपी को बहुमत की तरफ ले जाएगा या भारी पड़ जाएगा.
भोपाल सीट गैस कांड से पहले कांग्रेस का गढ़ थी लेकिन इसके बाद से बीजेपी ने यहां से लगातार जीत हासिल की है. भोपाल में अब तक 16 बार आम चुनाव हुए हैं जिसमें से 9 बार बीजेपी, 5 बार कांग्रेस, 1 बार जनसंघ और भारतीय लोकदल ने जीत दर्ज की है. कांग्रेस को यहां 1957, 1962, 1971, 1980 और 1984 में जीत मिली है लेकिन उससे बाद से लगातार बीजेपी ही जीत दर्ज कर रही है.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लगभग 26% मार्जिन के साथ जीत दर्ज की थी. उन्हें 61.5% या 8,66,482 वोट मिले थे. कांग्रेस के दिग्विजय सिंह हारे थे, उन्हें 5,01,660 वोट मिले थे.
2014 में बीजेपी के आलोक संजर ने 32.8% वोट के साथ जीत हालिस की थी. उनका विनिंग मार्जिन 63.2% था. वहीं कांग्रेस पीसी शर्मा को 3,43,482 मिले थे.
2009 के लोक सभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी के कैलाश जोशी ने 50.95% वोट के साथ जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह ठाकुर 41.06% वोटों के साथ हार गए थे.
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