उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में समाजवादी पार्टी (SP) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा के बीच एसपी ने 16 प्रत्याशियों का ऐलान किया है. पहली लिस्ट में मैनपुरी से डिंपल यादव (Dimple Yadav), संभल से शफीकुर्रहमान बर्क, फिरोजाबाद से अक्षय यादव को टिकट दिया गया है.
किसे कहां से मिला टिकट?
डिंपल यादव- मैनपुरी
शफीकुर्रहमान बर्क- संभल
अक्षय यादव- फिरोजाबाद
देवेश शाव्य- एटा
धर्मेंद यादव- बदायूं
उत्कर्ष वर्मा- खीरी
आनंद भदौरिया- धौरहरा
अनु टंडन- उन्नाव
रविदास मेहरोत्रा- लखनऊ
डॉ. नवल किशोर शाक्य- फर्रुखाबाद
राजाराम पाल- अकबरपुर
शिवशंकर पटेल- बांदा
अवधेश प्रसाद- फैजाबाद
लालजी वर्मा- अंबेडकर नगर
रामप्रसाद चौधरी- बस्ती
काजल निषाद- गोरखपुर
'इंडिया' गठबंधन सीट बंटवारे के बगैर प्रत्याशियों का ऐलान
समाजवादी पार्टी 'इंडिया' गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन पार्टी ने गठबंधन के सीट बंटवारे के बिना ही 16 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है.
इस बारे में उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "इसकी जानकारी मुझे नहीं है. फिलहाल सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन इस बीच अगर समाजवादी पार्टी ने एक सूची जारी की है तो केवल वे ही (समाजवादी पार्टी) इसके बारे में जानकारी दे सकते हैं."
इससे पहले 27 जनवरी को SP अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर ट्वीट कर जानकारी दी थी कि 'इंडिया' गठबंधन के तहत कांग्रेस और SP बीच उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर गठबंधन हुआ है. हालांकि, तब भी कांग्रेस ने कहा था कि यूपी में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत चल रही है और अभी बातचीत पूरी नहीं हुई है.
SP-कांग्रेस में खटपट?
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में तालमेल में कमी नजर आ रही है. एक ओर अखिलेश दावा कर रहे हैं कि उन्होंने 11 सीटों पर गठबंधन की बात कर ली है दूसरी ओर कांग्रेस इससे इनकार कर रही है.
समाजवादी पार्टी ने फर्रुखाबाद सीट से डॉ. नवल किशोर शाक्य को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि ये सीट कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की है. सलमान ने इस सीट पर 2019 में चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह चुनाव जीत नहीं सके थे. सलमान खुर्शीद कांग्रेस की ओर से सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर समन्वय करने वाली समिति के हिस्सा हैं.
सीट बंटवारे में देरी बनी वजह?
28 जनवरी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने RJD के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद इस ओर इशारा किया था. उन्होंने कहा था कि इंडिया गठंबधन में लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां काफी धीमी गति से चल रही है.
नीतीश कुमार ने कहा था, "सभी दलों को एक साथ लाने का काम हमने किया था लेकिन वहां (इंडिया) सबकुछ बहुत धीरे चल रहा था, जिससे मन दुखी था."
समाजवादी पार्टी के हालिया फैसले इस बात की ओर इशारा करते हैं कि 'इंडिया' गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर पार्टियों के बीच तालमेल नहीं बन पा रही है.
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि लाल कहते हैं कि "समाजवादी पार्टी सहित कई दलों को ऐसा लग रहा है कि 'इंडिया' गठबंधन को बनाए रखने के लिए कांग्रेस की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है. इसके अलावा सीट बंटवारे में देरी को लेकर भी कई दल हताश हो रहे हैं कि समय निकलता जा रहा है."
इसके साथ ही रतनमणि लाल कहते हैं, "कांग्रेस की ओर से ये पहल इसलिए भी अपेक्षित है क्योंकि कांग्रेस बड़ा दल है और पूरे गठबंधन के नेतृत्व के तौर पर काम कर रही है. अब क्योंकि लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है तब समाजवादी पार्टी अपनी तैयारियों का संकेत दे रही हैं कि हम इतनी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं."
"इसका मकसद ये भी हो सकता है कि समाजवादी पार्टी एक संदेश देना चाहती है कि या तो कांग्रेस हमारे फैसले पर प्रतिक्रिया दे या फिर वे तैयारी तो कर ही रहे हैं."वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि लाल
यूपी की राजनीति पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार आलोक त्रिपाठी भी कुछ ऐसा ही कहते हैं. क्विंट हिंदी से बातचीत में उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार के हालिया प्रकरण के बाद समाजवादी पार्टी को लग रहा है कि अगर हम गठबंधन की आस में रहे तो देर न हो जाए और अंत समय पर किसी को भी चुनाव में उतारना पड़ जाए."
"समाजवादी पार्टी ने जिन 16 उम्मीदवारों कA चुनाव के लिए उतारा वे बड़े चेहरे हैं. यानी अगर गठबंधन के तहत भी सीट का बंटवारा होता तो ये सारी सीटें समाजवादी पार्टी के हिस्से में ही जाने की संभावना थी, लेकिन SP ने ऐसा इसलिए भी किया होगा ताकि कांग्रेस को यह संदेश दिया जा सके कि हम अपनी तैयारी कर रहे हैं और अगर आपको कुछ परेशानी है तो बात करें और साथ लड़ें."
बीजेपी से सीधी लड़ाई लड़ना चाहती है SP?
वरिष्ठ पत्रकार आलोक त्रिपाठी कहते है, "समाजवादी पार्टी यूपी में कांग्रेस को बैंकग्राउंड में रखना चाहती है. क्योंकि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ सीधी लड़ाई में आना चाह रही है. इसलिए वह कांग्रेस के गठबंधन के तालमेल बनाने से ज्यादा उम्मीदवार उतारने में लगा रही है."
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)