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बिहार एनडीए गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है? ये सवाल विधानसभा चुनाव से पहले उठने लगे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जहां बीजेपी और जेडीयू कोरोना काल में भी विधान चुनाव के लिए जोर शोर से प्रचार में उतर चुकी है, वहीं उनकी सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी चुनाव के तारीख को बढ़ाने की बात कह रही है.
लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद और केंद्रिय मंत्री राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने कहा है कि चुनाव से प्रदेश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा. इसलिए चुनाव आयोग को सोचकर फैसला करना चाहिए.
दरअसल, ‘सब कुछ ठीक नहीं है’ कि बात इसलिए भी और मजबूत हो जाती है, क्योंकि जो बात चिराग पासवान ने उठाई है वैसी ही बातें विपक्षी पार्टी आरजेडी ने भी उठाई है. आरजेडी नेता तेसस्वी यादव ने बीजेपी-जेडीयू की चुनावी तैयारी और चुनाव की ज्लदबाजी को लेकर हमला बोल रहे हैं.
चिराग पासवान ने कहा है,
चिराग पासवान ने कहा, "चुनाव आयोग को भी इस विषय पर सोच कर निर्णय लेना चाहिए कहीं ऐसा ना हो की चुनाव के कारण एक बड़ी आबादी को खतरे में झोंक दिया जाए. इस महामारी के बीच चुनाव होने पर पोलिंग पर्सेंटेज भी काफी नीचे रह सकते है जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है."
केन्द्रीय मंत्री और एलजेपी के वरिष्ठ नेता रामविलास पासवान ने कहा कि चिराग पासवान पार्टी के प्रेसिडेंट हैं. पार्टी में फैसला लेने का अधिकार उनका है. चिराग जो भी फैसला लेंगे हम उनके साथ हैं.
पिछले कुछ समय से चिराग पासवान बिहार सरकार और खासकर जेडीयू को अपने निशाने पर रखे हुए हैं, उन्होंने नीतीश सरकार पर लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों से लेकर कई मुद्दों पर सवाल खड़े किए हैं. चिराग पासवान तो एक बार यहां तक बोल दिया था कि बिहार विधानसभा में एनडीए का चेहरा कौन होगा, यह बीजेपी को ही निर्धारित करना है. चुनाव में बीजेपी नीतीश कुमार के साथ रहे या न रहे. मगर हम बीजेपी का साथ देंगे.
हालांकि अमित शाह से लेकर सुशील मोदी तक नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं.
अभी हाल ही जब चिराग पासवान ने अपने पार्टी कार्यक्रताओं को अपने दम पर चुनाव की तैयारी के लिए कहा था, जिसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि सीट शेयरिंग को लेकर चिराग एनडीए में नाराज चल रहे हैं. इसी दौरान जब पत्रकारों ने तेजस्वी यादव से सवाल पूछा कि क्या चिराग की एंट्री महागठबंधन में हो सकती है तो इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर ऐसी कोई बात होगी तो उस पर जरूर विचार किया जाएगा.
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में एलजेपी और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, और नीतीश कुमार लालू यादव के साथ. तब एलजेपी सिर्फ 42 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी थी. लेकिन अब स्थिति बिल्कुल अलग है, बीजेपी-एलजेपी के साथ जेडीयू भी गठबंधन में है, ऐसे में सीट बंटवारे को लेकर पेच फंस सकता है.
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