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बिहार (Bihar) में 2024 के आम चुनावों के लिए तैयारी शुरू हो गई है. पार्टियों ने अभी से कमर कसनी शुरू कर दी. आज, 25 फरवरी को बिहार में 2 बड़ी रैलियां आयोजित की गयीं. एक तरफ महागठबंधन ने पूर्णिया में अपनी ताकत दिखाई, तो वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिमी चंपारण में चुनावी शंखनाद किया.
दोनों धड़ो के लिए आज की रैली शक्ति प्रदर्शन का एक मौका था, लेकिन हैरानी की बात है कि इस दौरान होने वाली छात्रों की परीक्षाएं ही रद्द कर दी गईं.
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस, RJD और बिहार के मुख्यमंत्री पर जोरदार सियासी हमला बोला. उन्होंने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें हर तीन साल पर प्रधानमंत्री बनने का सपना आता है. उन्होंने कहा कि राजनीति में पारदर्शिता जरूरी है, इस कारण नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव को कब मुख्यमंत्री बनाएंगे, उसकी तिथि उन्हें बतानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण जिस कांग्रेस के खिलाफ लड़े, नीतीश ने जिस जंगलराज के खिलाफ लड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई, उन्हीं जंगल राज के प्रणेता लालू यादव की गोद में जाकर बैठ गए हैं. उन्होंने सपष्ट लहजे में कहा कि नीतीश कुमार आया राम-गया राम बहुत कर लिए हैं, अब बीजेपी के दरवाजे उनके लिए हमेशा के लिए बंद हो गए हैं.
पूर्णिया की रैली में महागठबंधन के सभी सात दलों के बड़े नेता शामिल हुए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ सभी नेताओं ने बीजेपी को केंद्र की सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प दोहराया. इस दौरान आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद वर्चुअल माध्यम से इस रैली में शामिल हुए और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. लालू ने आरक्षण कार्ड खेलते हुए बीजेपी को आरक्षण का घोर विरोधी बताया और कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग देश में आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं, ऐसे में सभी को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी.
पूर्णिया में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि ये BJP के लोग लीडर नहीं है. बीजेपी में कोई लीडर नहीं है, सब डीलर हो गए हैं. इसलिए ये लोग देश के संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं. हम सांप्रदायिक शक्तियों से केवल लड़ेंगे नहीं बल्कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने का काम करेंगे.
जबकि इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि "इन्होंने(BJP) बिहार के विकास के लिए कोई काम नहीं किया और यहां आकर बोला कि हमने विकास किया. इनलोगों ने जो 2015 के वि.स चुनाव से पहले घोषणा की थी आज तक उतनी मदद की? कहा था कि 1 लाख 25 हजार करोड़ की मदद करेंगे लेकिन 8 साल में मात्र 59 लाख मिला है"
महागठबंधन की रैली के वजह से पूर्णिया विश्वविद्यालय में होने वाली परीक्षा रद्द कर दी गई है. बीए पार्ट 2 की 25 फरवरी को परीक्षा होनी थी, जिसे अचानक ही टाल दिया गया है. इस परीक्षा को अब 15 मार्च को आयोजित किया जाएगा. कुलपति ने इसके लिए आदेश दे दिए हैं और विश्वविद्यालय ने नोटिस भी जारी कर दिया है.
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