advertisement
2019 चुनाव से एक साल पहले बिहार एनडीए में सीटों को लेकर चल रही खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है. अब बीजेपी की बिहार इकाई के एक बड़े नेता ने दावा किया है कि पार्टी उन सभी 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जिनपर पिछले लोकसभा चुनावों में उसे जीत हासिल हुई थी. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू के वरिष्ठ नेता ने बीजेपी को चुनौती दी है कि वो सीएम नीतीश कुमार के विश्वसनीय और स्वीकार्य चेहरे के बगैर ही सभी 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़े.
हाल के दिनों में नीतीश कुमार ने बीजेपी के बड़ी नीतियों पर सवाल उठाए हैं. गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर भी नीतीश की पार्टी दबाव बनाने की जुगत में है. इसी महीने की 7 तारीख को जेडीयू के महासचिव श्याम रजक ने कहा था कि पार्टी को 25 से कम सीटें मंजूर नहीं है, उन्होंने कहा कि हमने पहले भी 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था, ऐसे में इतनी सीटों पर हमारा हक है.
जेडीयू इस बात पर भी जोर देती रही है कि बीजेपी उसे बड़ा भाई माने. बीजेपी के प्रदेश महासचिव राजेंद्र सिंह ने कहा , ‘‘ पार्टी उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जिन पर उसे 2014 में जीत मिली थी. पार्टी अपने सहयोगियों के हितों की भी रक्षा करेगी और सीट बंटवारे का ऐसा समझौता करेगी जिससे एनडीए को बिहार में सभी 40 सीटें जीतने में मदद मिले. ''
लोकसभा में बिहार से बीजेपी के 22 सांसद हैं. इसके अलावा, एनडीए की सहयोगी एलजेपी और आरएलएसपी के पास 6 और 3 सांसद हैं. नीतीश की अगुवाई वाले जेडीयू ने 2014 का लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ा था और उसे सिर्फ 2 सीटें नसीब हुई थीं. जदयू के विधान पार्षद और प्रवक्ता संजय सिंह ने बीजेपी नेता के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि ‘‘ ऐसे बयान जारी करने, वो भी ऐसे समय में जब एनडीए को एकजुट रहने की जरूरत है, से किसी को फायदा नहीं होने वाला.'' सिंह ने कहा , ‘‘ जेडीयू बिहार में एनडीए में बड़ा भाई है, ये एक फैक्ट है.क्या बीजेपी नीतीश कुमार के और स्वीकार्य चेहरे के बगैर उतरकर चुनावी सफलता हासिल कर सकती है? अगर उसे लगता है कि वो ऐसा कर सकती है तो उसे सभी 40 सीट पर अपने दम पर लड़ना चाहिए. ''
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)