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यूपी के बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वह पार्टी की नीतियों से असंतुष्ट है. फुले ने कहा कि बीजेपी समाज को बांटने की कोशिश कर रही है. सावित्री बाई फुले ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा कि बीजेपी देश को मनुस्मृति से चलाना चाहती है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी दलित, पिछड़ा और मुस्लिम विरोधी है और आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है.
फुले ने कहा, ''वीएचपी, बीजेपी और आरएसएस से जुड़े संगठनों की ओर से अयोध्या में एक बार फिर 1992 जैसी स्थिति पैदा कर समाज में विभाजन और सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है. इससे आहत होकर मैं बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं.''
फुले ने कहा कि भारत का धन अनावश्यक रूप से मूर्तियां बनाने और मंदिरों के निर्माण में खर्च किया जा रहा है. सरकार देश का विकास ना करके हिंदू-मुसलमान, भारत-पाकिस्तान और मंदिर-मस्जिद का खौफ दिखाकर आपसी भाईचारे को समाप्त करने का काम कर रही है.
फुले ने कहा कि भारत का पैसा लेकर भगोड़े विदेश भाग रहे हैं और भारत सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा, वर्तमान सरकार के मंत्रियों और सांसदों की ओर से धार्मिक उन्माद फैलाकर भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. बता दें, फुले कई मौकों पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देकर पहले भी विवादों में रही हैं.
सावित्री बाई फुले ने बहराइच के बलहा से पहली बार 2012 में विधानसभा चुनाव जीता था. इसके बाद वह 2014 में बहराइच से लोकसभा चुनाव में खड़ी हुईं और जीत गईं.
सावित्री बाई फुले का पुराना इंटरव्यू, जरूर देखें-
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Published: 06 Dec 2018,03:07 PM IST