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महाराष्ट्र सरकार में जस संसाधन मंत्री गिरीश महाजन शुक्रवार को उनके दो सेल्फी वीडियो क्लिप सामने आने के बाद विवादों में घिर गए. इनमें कथित रूप से वह बाढ़ग्रस्त जिले के कुछ हिस्सों के सर्वेक्षण के दौरान मुस्कुराते और खुशी से हाथ हिलाते दिख रहे हैं.
इस वीडियो के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों एनसीपी, कांग्रेस और एमएनएस ने महाजन की निंदा की. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए महाजन ने बाढ़ राहत कार्य को राजनीतिक रंग नहीं देने की अपील की.
एनसीपी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सवाल किया कि क्या मंत्री ‘‘घूमने गए’’ थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को‘‘असंवेदनशील’’ जल संसाधन मंत्री से इस्तीफा देने को कहना चाहिए.
सरकार पर इस मुद्दे को लेकर हमला करते हुए एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि यह आपदा प्रबंधन नहीं बल्कि ‘आपदा पर्यटन’ है.
इस दौरान विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष एनसीपी नेता ने बाढ़ में एक बच्चे की मौत पर भी दुख व्यक्त करते हुए कहा कि महाजन को अपने व्यवहार पर शर्म आनी चाहिए.
कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला करते हुए तंज कसा कि उन्हें ‘सेल्फीविदडेड’ यानी ‘मरे हुए लोगों के साथ सेल्फी’ सीरिज शुरू करनी चाहिए और मंत्री को उसका ब्रांड एम्बेस्डर बनाना चाहिए.
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने ट्वीट किया, ‘‘गिरीश महाजन एक ऐसा चेहरा हैं जो इस सरकार की पहचान, विचारधारा और चरित्र दिखाता है.’’
महाराष्ट्र नव निर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर सरकार की निंदा की. ठाकरे ने पार्टी के एक कार्यक्रम में यहां आरोप लगाया-
एक क्लिप में मंत्री गिरीश महाजन के साथ एक अज्ञात व्यक्ति पश्चिमी महाराष्ट्र में कोल्हापुर में पानी के बीच सेल्फी वीडियो बनाता दिख रहा है. इस वीडियो में बीजेपी के मंत्री मुस्कुराते और हाथ हिलाते हुए दिख रहे हैं.
बता दें, महाराष्ट्र के कई हिस्सों, खासकर सांगली और कोल्हापुर जिलों में पिछले एक सप्ताह से भयानक बाढ़ आई हुई है. गिरीश महाजन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का ही दौरा करने गए थे.
मंत्री गिरीश महाजन ने विपक्ष की आलोचनाओं पर जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष को घर बैठकर उनकी आलोचना और ट्रोल करने के बदले राहत कार्य में मदद करनी चाहिए.
दरअसल, महाजन मार्च, 2015 में भी विवाद में आए थे. वह अपने गृह जिले जलगांव में दिव्यांग बच्चों के एक कार्यक्रम में अपने कमर में बंदूक लटकाकर गए थे.
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