advertisement
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शनिवार से शुरू हो रही है. इसमें पार्टी समाज के सभी वर्ग के लोगों के बीच 'सामाजिक समरसता' के मैसेज पर जोर देगी.
ये मीटिंग दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर पर होगी. इस बैठक के केंद्र में पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी होंगे. सूत्रों ने बताया कि कार्यकारिणी सभागार का नाम भी अटल के नाम पर होगा और पार्टी एक प्रस्ताव पारित कर उन्हें श्रद्धांजलि देगी.
पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अबंडेकर केंद्र में होने का मकसद सामाजिक संदेश देने से जुड़ा माना जा रहा है. बैठक के स्थल को जोड़कर बीजेपी यह संदेश देने का प्रयास करेगी कि उसकी रीति नीति में अंबेडकर उतने ही अहम हैं, जितने दूसरे नेता.
बैठक में सरकार की कल्याण योजनाओं और उनके क्रियान्वयन की समीक्षा किये जाने की उम्मीद है. इसमें किसानों को फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के सरकार के फैसले, नेशनल सिटिजंस रजिस्टर, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों के अधिकारों की रक्षा को लेकर उठाये गए कदम, ओबीसी राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक दर्जा देने आदि के बारे में भी चर्चा हो सकती है.
पार्टी के एक नेता ने कहा कि बीजेपी का जोर सामाजिक समरसता पर है और हर हाल में सामाजिक सद्भाव को बनाये रखा जाएगा. बैठक में 2019 लोकसभा चुनाव और इस साल होने वाले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी के बारे में भी चर्चा होगी.
पार्टी नेशनल सिटिजंस रजिस्टर को बड़ा मसला मानती है. हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जोर दिया था कि नेशनल सिटिजंस रजिस्टर के बारे में पार्टी का साफ मत है कि अवैध विदेशी घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पहले दिन राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है. इसमें सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री (संगठन) मौजूद रहेंगे. इसके बाद राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक होगी. अगले दिन शाम को इसका समापन होगा. बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित अन्य सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे.
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट, पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि को लेकर विपक्ष हमलावर है.
नोटबंदी और राफेल सौदे को लेकर भी विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है. इसके अलावा संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पारित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक का सवर्ण विरोध कर रहे हैं. गुरुवार को सवर्ण समाज से जुड़े कुछ कथित संगठनों के भारत बंद का आयोजन भी किया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined