मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019लखनऊ में निषाद पार्टी का शक्ति प्रदर्शन: सीट बंटवारे पर बढ़ेंगी NDA की मुश्किलें?

लखनऊ में निषाद पार्टी का शक्ति प्रदर्शन: सीट बंटवारे पर बढ़ेंगी NDA की मुश्किलें?

NDA Seat Sharing in UP: 'अपना दल' के अलावा निषाद पार्टी और सुभासपा भी अब एनडीए का हिस्सा है.

पीयूष राय
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>संकल्प दिवस पर निषाद पार्टी का शक्ति प्रदर्शन: सीट बंटवारे पर NDA में बढ़ सकती है BJP की मुश्किलें? </p><p></p></div>
i

संकल्प दिवस पर निषाद पार्टी का शक्ति प्रदर्शन: सीट बंटवारे पर NDA में बढ़ सकती है BJP की मुश्किलें?

(फोटो: केशव प्रसाद मौर्य/X)

advertisement

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री डॉ. संजय निषाद की अगुवाई में निषाद पार्टी ने लखनऊ में शनिवार (13 जनवरी) को पार्टी के 11वें संकल्प दिवस के मौके पर रमाबाई अंबेडकर मैदान में एक बड़े जलसे का आयोजन किया. सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में प्रदेश की राजधानी में हुए इस कार्यक्रम को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है.

कौन-कौन पहुंचा?

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, बीजेपी यूपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और केशव मौर्य, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर समेत बीजेपी और एनडीए गठबंधन के कई नेताओं ने शिरकत की.

वहीं, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी की सभी सहयोगी पार्टियों अपना दांव पेंच लगा रही हैं और ऐसे में निषाद पार्टी की इस शक्ति प्रदर्शन के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

संकल्प दिवस कार्यक्रम में मौजूद बीजेपी के नेता.

(फोटो: केशव प्रसाद मौर्य/X)

रस्साकसी का केंद्र पूर्वांचल

2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 78 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें 62 में जीत दर्ज की थी. उसमें प्रदेश में बीजेपी की अकेली सहयोगी पार्टी 'अपना दल' ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों जगह जीत दर्ज की थी. निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद के बेटे प्रवीण कुमार निषाद को बीजेपी ने अपने सिंबल पर संत कबीर नगर से लड़ाया था. हालांकि, इस बार समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं.

अपना दल के अलावा, निषाद पार्टी और सुभासपा पर भी अब गठबंधन का हिस्सा है. ओबीसी राजनीति में सक्रिय तीनों पार्टियों की नजर पूर्वांचल की लोकसभा सीटों पर होगी और उनकी आपस में ज्यादा से ज्यादा सीटें पाने की होड़ होगी. ऐसे में गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर समन्वय बना पाना बीजेपी के लिए इस बार कड़ी चुनौती साबित होगी.

अपना दल के अलावा निषाद पार्टी और सुभासपा पर भी अब गठबंधन का हिस्सा है.

(फोटो: अल्टर्ड बॉय क्विंट हिंदी)

निषाद पार्टी का बढ़ता कद

संजय निषाद ने कई मौकों पर यह स्पष्ट कर दिया है कि निषाद पार्टी 2024 में अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी. यहां कोशिश है कि पार्टी की अपनी पहचान स्थापित की जाए. पार्टी ने दावा किया है कि प्रदेश में दो दर्जन ऐसी सीटें हैं, जहां पर निषाद, केवट, मल्लाह और मछुआ समाज के वोटर चुनाव के परिणामों में असर डाल सकते हैं.

संकल्प दिवस कार्यक्रम में पहुंचे निषाद पार्टी के कार्यकर्ता.

(फोटो: प्रवीण निषाद/ फेसबुक)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

निषाद पार्टी के बढ़ते कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2017 में पार्टी ने सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज की थी. 2022 में यह संख्या बढ़कर 11 हो गई. हालांकि, इसमें पांच प्रत्याशियों ने बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ा था.

संजय निषाद के परिवार की बात करें तो उनके यहां मंत्री, सांसद और विधायक तीनों हैं. संजय निषाद खुद यूपी में कैबिनेट मंत्री हैं. उनका बड़ा बेटा प्रवीण निषाद संत कबीर नगर से बीजेपी सांसद तो वहीं छोटा बेटा सरवन निषाद बीजेपी से चौरी चौरा से विधायक है.

13 जनवरी को रैली में शामिल होने से पहले संजय निषाद ने रोड शो किया.

(फोटो: प्रवीण निषाद/ फेसबुक)

लखनऊ में संकल्प दिवस आयोजन के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते समय संजय निषाद सीट बंटवारे को लेकर सवालों से बचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा," मोदी को हम जीत देते हैं, वह हमें सीट देते हैं."

कार्यक्रम के दौरान संजय निषाद को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर बज रहे गाने के ऊपर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा," यह बीजेपी है, यहां कुछ भी संभव है. चाय वाले को प्रधानमंत्री बना दिया, आदिवासी को राष्ट्रपति, तो निषाद के बेटे को भी कभी CM बनाएगी. हमारे लोगों की इच्छा है."

संकल्प दिवस पर जनसभा को संबोधित करते हुए संजय निषाद.

(फोटो: प्रवीण निषाद/ फेसबुक)

बीजेपी के माथे पर पड़ सकता है बल

निषाद पार्टी की महत्वाकांक्षा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में दो दर्जन से अधिक सीटों पर चुनाव लड़े. हालांकि, एनडीए में यह समीकरण सेट होता हुआ नजर नहीं आ रहा है.

विशेषज्ञों की माने तो बीजेपी कम से कम 70 सीटों पर इस प्रदेश में चुनाव लड़ेगी और बाकी 10 सीटें गठबंधन के खाते में आ सकती है. गठबंधन के सीटों के बारे में बात करें तो इस समय सबसे मजबूत दावा अपना दल का नजर आ रहा है.

6 जनवरी को एक कार्यक्रम में शामिल होने मीरजापुर पहु्ंची केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) पार्टी की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल.

(फोटो: अनुप्रिया पटेल/X)

बीजेपी गठबंधन में पार्टी ने 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों जगह जीत दर्ज की थी. 100% स्ट्राइक रेट के साथ चल रही 'अपना दल' की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं बढ़ी हुई नजर आ रही है. एनडीए में पार्टी इस बार मिर्जापुर, जौनपुर प्रतापगढ़ समेत 5- 6 लोकसभा सीटों पर दावा ठोक सकती है.

यूपी में एनडीए का तीसरा गठबंधन साथी सुभासपा चुनाव से पहले सक्रिय हो गया है. मंत्री बनने का इंतजार कर रहे ओमप्रकाश राजभर कई बार दिल्ली जाकर बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मिल चुके हैं.

ओपी राजभर ने 4 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की.

(फोटो: ओपी राजभर/X)

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सुभासपा बलिया, चंदौली, जौनपुर और गाजीपुर समेत 5 से 6 सीटों पर गठबंधन में 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने का दावा ठोक सकती है. गठबंधन के साथियों के बढ़ते कद और महत्वाकांक्षाओं के बीच बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाने वाली हैं.

8 जनवरी को मुरादाबाद में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे ओम प्रकाश राजभर.

(फोटो: ओपी राजभर/X)

बीजेपी के शीर्ष लीडरशिप और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के सामने यह चुनौती होगी कि किस तरीके से गठबंधन के साथियों के बीच सीटों को लेकर समन्वय स्थापित किया जा सके.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT