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अगले महीने असम चुनाव से ठीक पहले बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (BPF) ने बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही BPF ने विपक्षी मोर्चे में शामिल होने का ऐलान किया.
BPF का गठन 2005 में किया गया था. तबसे BPF विधानसभा चुनावों में दो बार कांग्रेस का साथी रह चुकी है. पिछली बार पार्टी ने बीजेपी का हाथ थाम लिया था और 126 सीटों वाली विधानसभा में 12 सीटें जीतने में भी BPF कामयाब रही थी. मतलब अपने निर्माण से अब तक बीपीएफ जीतने वाले गठबंधनों का हिस्सा रही है. मौजूदा सरकार में भी उसके तीन मंत्री हैं.
पिछले साल के आखिर में बीजेपी ने बीपीएफ को तब दगा दे दिया, जब पार्टी ने बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) के चुनावों में बीपीएफ का साथ छोड़ दिया. BTC असम के बोडो लोगों की घनी आबादी वाले इलाकों में प्रशासन चलाने वाली एक स्वायत्त संस्था है.
126 सीटों वाली असम विधासनभा में 60 विधायकों के साथ फिलहाल बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं असम गण परिषद (13 विधायक) और बीपीएफ (फिलहाल 11 विधायक) उसकी सहयोगी पार्टियां हैं.
असम में 27 मार्च से 6 अप्रैल के बीच चुनाव होंगे, जिनके नतीजे 2 मई को आएंगे. राज्य में पहली बार है जब कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ अकेले चुनाव नहीं लड़ रही है. कांग्रेस ने अपने धुर विरोधी AIUDF और एक छोटे क्षेत्रीय दल आंचलिक गणमोर्चा के अलावा तीन वामपंथी पार्टियों के साथ गठबंधन बनाया है.
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