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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और विधायकों का एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली से खाली हाथ लौट गया. बीजेपी के दो विधायकों के मुताबिक पार्टी की टॉप लीडरशिप ने कैबिनेट पर होने वाले फैसले को टाल दिया है. इस फैसले से येदियुरप्पा सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि येदियुरप्पा कैबिनेट में अकेले सदस्य हैं.
दूसरी ओर कर्नाटक में बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन ने भी आम जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. कोयना बांध से करीब 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से उत्तरी कर्नाटक के 12 जिलों के लोग प्रभावित हैं. इसलिए कैबिनेट पर फैसले में देरी से सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है.
मिंट की खबर के मुताबिक बीजेपी के दो विधायकों ने कहा है कि कैबिनेट पर फैसला आने में दो से तीन दिन लग सकते हैं. कैबिनेट के लिए नामों पर चर्चा होना अभी बाकी है. येदियुरप्पा और उनके साथ तीन विधायक 5 अगस्त से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं ताकि अमित शाह के साथ एक मीटिंग हो सके.
बीजेपी विधायकों ने बताया कि संसद में कई सारे महत्वपूर्ण बिलों को पास कराने की वजह से कैबिनेट पर फैसला नहीं लिया गया. इन बिलों में से एक आर्टिकल 370 को हटाना और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन वाला बिल भी मौजूद था. फिर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन की खबर का भी इस फैसले पर असर हुआ. वहीं कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस दबाव बनाने की कोशिशें कर रहे हैं कि बाढ़ जैसी स्थिति में बीजेपी फेल हो रही है.
कांग्रेस के एक विधायक ने ट्विटर पर लिखा,
येदियुरप्पा सरकार में कोई मंत्री नहीं है लेकिन उन्होंने कुछ फंड जारी करने और अधिकारियों के ट्रांसफर के फैसले लिए हैं.
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