मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019BSP: राज्य चुनावों में वोट घटा, सिर पर लोकसभा, आकाश आनंद पर दांव के क्या मायने?

BSP: राज्य चुनावों में वोट घटा, सिर पर लोकसभा, आकाश आनंद पर दांव के क्या मायने?

Mayawati Successor: आकाश आनंद 2019 में मायावती के लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान एक प्रमुख चेहरा थे.

रोमा रागिनी
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>BSP: मायावती का लोकसभा चुनाव से पहले आकाश आनंद पर दांव के क्या मायने</p></div>
i

BSP: मायावती का लोकसभा चुनाव से पहले आकाश आनंद पर दांव के क्या मायने

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने रविवार, 10 दिसंबर को पार्टी बैठक में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उनके भतीजे आकाश आनंद उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी होंगे. आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. अब ऐसे में सवाल है कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी क्यों घोषित किया है और इसके क्या मायने होंगे? लेकिन, उससे पहले ये जान लेते हैं कि पार्टी बैठक में मौजूद BSP पदाधिकारियों ने क्या कहा?

"बहनजी ने कहा कि मेरे न रहने पर आकाश आनंद पार्टी के उत्तराधिकारी होंगे. यूपी, उत्तराखंड को छोड़ कर पार्टी की निगाह में कमजोर राज्यों में आकाश आनंद काम करेंगे. उन्होंने कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव की तैयारी में लग जाने को कहा है."
उदयवीर सिंह, बीएसपी नेता

28 साल के आनंद कुमार बीएसपी के पार्टी कॉर्डिनेटर हैं. वे 2019 में मायावती के लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान एक प्रमुख चेहरा थे. अब बीएसपी सुप्रीमो ने लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. जैसा कि बीएसपी नेता उदयवीर ने बताया कि जिन राज्यों में बीएसपी कमजोर है, वहां आकाश को पार्टी की जिम्मेदारी दी गई है.

अब सवाल है कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी क्यों घोषित किया है और इसके क्या मायने होंगे? चलिए जानते हैं.

लखनऊ में हुई बैठक में आकाश आनंद और मायावती

(फोटो: क्विंट हिंदी)

साल 2024 का लोकसभा चुनाव

राजनीतिक जानकारों के अनुसार, लोकसभा चुनाव को लेकर मायावती ने आकाश आनंद पर दांव लगाया है. पांच राज्यों के चुनाव में बीएसपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में बीएसपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. इसलिए उन्होंने आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित कर उन्हें कमजोर राज्य में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंप दी है.

युवा नेतृत्व के बहाने यूथ को पार्टी से जोड़ने की कोशिश

आकाश आनंद 28 साल के हैं. ऐसे में मायावती ने युवा कंधे पर पार्टी की जिम्मेदारी डाली है. जानकारों के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले मायावती ने युवाओं को पार्टी से जोड़ने के लिए ये नया दांव खेला है. धीरे-धीरे अपनी स्फूर्ति खो रही इस पार्टी में बीएसपी सुप्रीमो ने जान फूंकने की कोशिश की है.

पार्टी का लगातार गिरता वोट बैंक बड़ी वजह

इस फैसले के पीछे बड़ी वजह वोटरों का पार्टी से मोहभंग है. हाल के राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बहुत खराब प्रदर्शन किया. पार्टी चारों राज्यों में अपना पिछला परफॉर्मेंस भी कायम नहीं रख सकी.

लखनऊ में पार्टी की बैठक में जाते मायावती और आकाश आनंद

(फोटो: क्विंट हिंदी)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो 2023 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को छत्तीसगढ़ में 2.05%, मध्य प्रदेश में 3.40%, राजस्थान में 1.82% और तेलंगाना में 1.37% वोट हासिल हुआ.

जबकि पार्टी को 2018 के इन्हीं विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ में 3.87%, एमपी में 5.01%, राजस्थान में 4.03% और तेलंगाना में 2.06% वोट मिला था.

ऐसे में पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार छत्तीसगढ़ में 1.82%, मध्यप्रदेश में 1.61%, राजस्थान में 2.21% और तेलंगाना में 0.69 प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान हुआ है.

इन आकंड़ों से साफ पता चलता है कि बीएसपी का जनाधार धीरे-धीरे कम होता जा रहा है.

मायावती की कम होती राजनीतिक सक्रियता

पिछले कुछ सालों में मायवती की राजनीति में सक्रियता कम देखी जा रही है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती चुनाव के समय तो रैली और जनसभाओं के जरिए दिखती हैं लेकिन जनता के बीच से वो गायब होती जा रही हैं. जनता से संवाद कम होते जा रहा है. जातीय समीकरण को साधकर यूपी में कभी बीएसपी मजबूत थी, लेकिन अब पार्टी की पकड़ वहां भी कमजोर होती जा रही है. पार्टी में ऐसे चेहरों की भी कमी है, जो सीट बढ़ा सकें. 2024 में मायावती के सामने पार्टी को बचाने की चुनौती है.

कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संदेश

परिवारवाद का मुखरता से विरोध करने वाली मायावती ने अपने भतीजे को ही पार्टी का कर्ताधर्ता बनाया है. इसके पीछे एक वजह यह भी है कि मायावती पार्टी कार्यकर्ताओं और वोटर्स को संदेश देना चाहती हैं कि हमारे बाद कोई है, जो आपको और पार्टी को संभालेगा.

कौन हैं आकाश आनंद?

मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी आकाश आनंद उनके भतीजे हैं. वह बीएसपी के राष्ट्रीय समन्वयक हैं और उन्होंने हाल ही में हुए राजस्थान विधानसभा चुनावों में बीएसपी प्रभारी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में BSP के लिए भी बड़े पैमाने पर काम किया. मायावती ने उन्हें दलितों, धार्मिक अल्पसंख्यकों, ओबीसी और आदिवासियों के मुद्दों को कवर करने वाले पार्टी के चुनाव अभियान की तैयारी और शुरुआत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में तैनात किया था.

आकाश आनंद ने 2017 में 22 साल की छोटी उम्र में राजनीति में प्रवेश किया. लंदन से एमबीए स्नातक, उनकी राजनीतिक शुरुआत उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक रैली में मायावती के साथ हुई थी, जहां उन्होंने अखिलेश यादव और अजीत सिंह के साथ मंच साझा किया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT