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'जिनके समर्थन से चल रही है मोदी सरकार, उनके लिए खुले भंडार'.. ये लाइन मोदी सरकार 3.0 सॉरी एनडीए सरकार 3.0 के पहले बजट का लब्बोलुआब यानी सार, निचोड़ है. दरअसल, लोकसभा स्पीकर के चुनाव से लेकर मंत्रालय के बंटवारे में जहां बीजेपी हावी दिख रही थी, वहीं बजट 2024 में नीतीश और चंद्रबाबू नायडू के प्रेशर पॉलिटिक्स की झलक देखने को मिली.
इस आर्टिकल में आपको आगे बताएंगे कि बजट 2024 में बिहार और आंध्र प्रदेश को क्या खास मिला है और क्या सिर्फ नीतीश और नायडू को खुश करना मकसद है या बीजेपी का कुछ और गेम प्लान है?
बिहार और आंध्र प्रदेश के स्पेशल कैटेगरी की मांग नीतीश से लेकर चंद्रबाबू नायडू करते रहे हैं, लेकिन बजट से ठीक एक दिन पहले संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित जवाब में कहा था कि अंतर-मंत्रालयी समूह (IMG) की 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता.
इस जवाब के बाद विपक्षी दलों ने बीजेपी पर हमला तेज कर दिया, हालांकि बीजेपी की साथी पार्टियों ने इंतजार करने का रास्ता चुना. शायद उन्हें पता होगा कि स्पेशल स्टेटस की जगह 'स्पेशल पैकेज' मिलेगा.
लेकिन सवाल है कि क्या ये सिर्फ नीतीश और नायडू का प्रेशर है या कहानी कुछ और है? थोड़ा इन घोषणाओं पर नजर डालेंगे तो समझ आएगा कि सब प्रेशर पॉलिटिक्स ही नहीं बल्कि बीजेपी का अपना फायदा भी है.
बीजेपी बिहार में आजतक अपने बल पर सरकार नहीं बना सकी है. करीब पिछले दो दशक से बीजेपी, नीतीश कुमार के सहारे बिहार में सत्ता में है. लेकिन ये भी सच है कि विधानसभा में नीतीश कुमार कमजोर होते गए और बीजेपी मजबूत.
इसका मतलब साफ है कि बीजेपी बिहार में आने वाले वक्त में एकला चलो की राह पर सरकार बनाना चाहेगी. अब ऐसे में नीतीश कुमार के स्पेशल स्टेटस की मांग मानकर वो खुद को प्रेशर में दिखाना नहीं चाहेगी. और अगर स्पेशल स्टेटस दे दिया तो फिर नीतीश क्रेडिट ले जाएंगे, जिसका जोखिम बीजेपी उठा नहीं सकती है.
जानकार मानते हैं कि यही वजह है कि बीजेपी आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार को स्पेशल स्टेटस की जगह इंफ्रास्ट्रक्चर और सड़कों के लिए करोड़ों रुपए के स्पेशल पैकेज देकर क्रेडिट और मैसेजिंग की लड़ाई में आगे दिखना चाहती है.
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में ईस्टर्न रीजन के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्वोदय योजना का ऐलान किया है. इस योजना के तहत बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश आएंगे. आइए जानते हैं बिहार को क्या खास मिला?
बिहार में कई सड़क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए.
पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर, और बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा को जोड़ने के लिए एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की गई.
बिहार के पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपए की लागत से 2400 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगाया जाएगा.
बिहार में सिंचाई और बाढ़ से निपटने और राहत के लिए 11,500 करोड़ रुपए देगी.
नए मेडिकल कॉलेज और एयरपोर्ट्स बनाए जाएंगे.
स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जाएगा.
महाबोधि मंदिर और विष्णुपद मंदिर को विकसित किया जाएगा.
निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में आंध्र प्रदेश के लिए 15,000 करोड़ रुपए आवंटित करने का ऐलान किया है. जो राज्य की राजधानी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के ड्रीम प्रोजेक्ट अमरावती को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा.
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि विशाखापत्तनम-चेन्नई-ओरवाकल-हैदराबाद इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित किया जाएगा, साथ ही एक हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा भी स्थापित किया जाएगा जो आंशिक रूप से आंध्र प्रदेश को कवर करेगा. रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तरी आंध्र प्रदेश जिलों के लिए एक स्पेशल बैकवार्ड एरिया फंड की भी घोषणा की गई है. आंध्र प्रदेश की पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी. यह परियोजना आंध्र प्रदेश और इसके किसानों के लिए लाइफलाइन है.
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