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लोक सभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की छिंदवाड़ा (Chhindwara) हॉट सीट बनी हुई है. ये कांग्रेस का पक्का गढ़ है और पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ (Nakulnath) एक बार फिर यहां से चुनावी मैदान में हैं. दूसरी ओर एमपी की 29 में से 29 सीटों पर जीतने का दावा कर रही बीजेपी ने यहां से विवेक बंटी साहू (Vivek Bunty Sahu) को टिकट दिया है.
एमपी में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में 230 विधानसभा सीटों में से 163 पर बीजेपी को जीत मिली है. मगर छिंदवाड़ा ऐसा जिला है, जहां की सात विधानसभा सीटों में से एक पर भी बीजेपी को जीत नहीं मिली. यहां तक कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एमपी की एकमात्र सीट थी जहां बीजेपी नहीं जीती थी. यह अपने आप में बताता है कि बीजेपी के लिए यहां राह आसान नहीं होने वाली.
नकुलनाथ के पक्ष में कौन से फैक्टर हैं?
नकुलनाथ इस सीट से मौजूदा सांसद हैं और दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं.
2019 में मोदी लहर के बावजूद एमपी की यही इकलौती सीट थी जिसपर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.
हाल ही के विधानसभा चुनावों में छिंदवाड़ा ऐसा जिला है, जहां की सात विधानसभा सीटों में से एक पर भी बीजेपी को जीत नहीं मिली.
छिंदवाड़ा कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है. 1952 से अब तक इस सीट पर 18 बार लोक सभा चुनाव हो चुके हैं और कांग्रेस ने 17 बार जीत हासिल की है
नकुलनाथ कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे हैं. कमलनाथ इस सीट से 9 बार लोक सभा का चुनाव जीत चुके हैं.
विवेक बंटी साहू के पक्ष में कौन से फैक्टर हैं?
विकेव बंटी साहू को मोदी फैक्टर का फायदा मिलेगा.
मध्य प्रदेश की 29 लोक सभा सीटों में से 28 पर बीजेपी को पिछले लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई थी. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी ने 230 में से 163 सीटों पर जीत हासिल की है.
साहू इससे पहले विधानसभा चुनाव में कमलनाथ को कड़ी टक्कर दे चुके हैं, हालांकि साहू चुनाव हार गए थे. इसके बावजूद जिस तरह से कांग्रेस सूबे में हारी, उससे कमलनाथ के कद को बड़ा डेंट लगा है.
2009 से इस सीट पर लोक सभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर लगातार बढ़ा है जबकि कांग्रेस का वोट शेयर कम-ज्यादा हुआ है.
कमलनाथ के नेतृत्व में एमपी के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बुरी हार का समाना करना पड़ा था. ऐसे में लोक सभा चुनाव के कुछ समय पहले मीडिया में खबरें चलने लगीं कि कमलनाथ और बेटे नकुलनाथ कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. हालांकि इन अटकलों को तब विराम मिला जब नकुलनाथ को कांग्रेस की ओर से टिकट मिला और वे अपना नामांकन अपने पिता कमलनाथ के साथ भरने गए थे.
वहीं कांग्रेस के दो पूर्व विधायक, मौजूदा विधायक और आदिवासी नेता कमलेश प्रताप शाह, छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहाके, स्थानीय नगर परिषद के अध्यक्ष उज्जवल सिंह ठाकुर और सात नगर निगम पार्षद पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
दिलचस्प बात ये है कि छिंदवाड़ा में हुए अब तक के लोक सभा चुनावों में केवल एक बार ही बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. साल 1997 में जब इस सीट पर उप चुनाव हुए थे तब बीजेपी के उम्मीदवार ने कमलनाथ को 38 हजार वोटों के अंतर से हराया था. इसके अलावा कांग्रेस हर चुनाव इस सीट पर जीत चुकी है. वहीं कमलनाथ इस सीट से 9 बार लोक सभा का चुनाव जीत चुके हैं.
2019 में कांग्रेस के नकुलनाथ ने 47.1% वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी. वहीं बीजेपी के नत्थन शाह कवरेती ने 44.1% वोट शेयर हासिल किया था.
2014 में कांग्रेस के कमलनाथ ने 50.5% वोट शेयर के साथ जीत दर्ज की थी. बीजेपी को 40% वोट शेयर मिला था.
2009 में कमलनाथ ने 49.4% वोट शेयर के साथ जीत दर्ज की थी. वहीं बीजेपी को 34.8% वोट मिला था.
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