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दिग्गज वामपंथी नेता और मार्क्सवादी समन्वय समिति (MCC) के संस्थापक एके राय का रविवार को झारखंड के धनबाद में निधन हो गया. 85 साल के राय अविवाहित थे. उन्हें 8 जुलाई को उम्र संबंधी बीमारियों को वजह से आठ जुलाई को धनबाद सेंट्रल अस्पताल में भर्ती कराया गया था.राय धनबाद लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे थे.
राय अलग झारखंड राज्य आंदोलन के संस्थापक नेताओं में से एक थे. वह धनबाद से 1977, 1980 और 1989 में जीत कर संसद पहुंचे थे. वह 1967, 1969 और 1972 में बिहार विधानसभा में सिंदरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. राय ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन और स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो के साथ अलग झारखंड राज्य के आंदोलन की शुरुआत की थी. तीनों के नेतृत्व की बदौलत नवंबर, 2000 में झारखंड अस्तित्व में आया.
राय का जन्म बांग्लादेश के सापुरा गांव में हुआ था. उनके पिता शिवेंद्र चंद्र राय वकील थे. उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से 1959 में केमिस्ट्री में एमएससी की और फिर एक प्राइवेट कंपनी में दो साल तक नौकरी की. फिर उन्होंने पीडीआईएल,सिंदरी में नौकरी शुरू की.
राय को राजनीतिक संत कहा जाता था. उनके बैंक अकाउंट में एक भी रुपया नहीं था. वह पिछले एक दशक से एक पार्टी कार्यकर्ता के घर पर रह रहे थे. इसके पहले वह धनबाद में पार्टी दफ्तर में ही रहते थे. तबियत ज्यादा खराब होने की वजह से वह पार्टी कार्यकर्ता के घर में रहने लगे थे. राय पहले ऐसे सांसद थे जिन्होंने सांसदों के वेतन और भत्ते बढ़ाने का विरोध किया था.
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Published: 21 Jul 2019,04:33 PM IST