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राजस्थान (Rajasthan) में 25 सितंबर को मुख्यमंत्री पद को लेकर बुलाई गई विधायकों की बैठक के बाद शुरू हुए सियासी संकट के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की कर्नाटक के बेल्लारी में मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों के बीच सियासी चर्चा भी हुई. बता दें कि इस वक्त कांग्रेस महासचिव वेणु गोपाल भी मौजूद रहे.
राहुल गांधी के साथ हुई अशोक गहलोत की इस मुलाकात के बाद गहलोत के समर्थक सब कुछ अच्छा होने की उम्मीद कर रहे हैं. क्योंकि अब तक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने और मुख्यमंत्री पद छोड़ने के मसले पर राहुल का नजरिया गहलोत को लेकर कुछ सख्त माना जा रहा था.
इस मामले में गहलोत समर्थक संसदीय मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धमेन्द्र राठौड़ को अनुशासनहीनता के मामले में नोटिस भी जारी किए गए थे. यह प्रकरण भी अभी कांग्रेस आलाकमान के पास लंबित है. यह भी माना जा रहा था कि राहुल ही वो शख्स हैं जो राजस्थान में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को अहम जिम्मा सौंपना चाहते हैं.
अशोक गहलोत ने शनिवार को कर्नाटक के बेल्लारी में कांग्रेस की जनसभा बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की जनता बीजेपी की चालों को समझ गई है. इन लोगों ने यूपीए सरकार को बदनाम करके सत्ता हासिल की थी. अब न लोकपाल आया है और न ही आज तक काला धन ला पाए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि ये यात्रा चुनौतियों का सामना करने के लिए है. जिस जज्बे और हौसले के साथ राहुल गांधी यात्रा कर रहे हैं वह देश के साथ कमिटमेंट के बिना पूरी नहीं हो सकती है. साधु संत भी यात्रा करते हैं, जो रास्ते में विश्राम लेते हैं लेकिन राहुल गांधी बिना थके रोज 25 किलोमीटर पैदल चल रहे हैं. वो लंबी संघर्ष वाली यात्रा कर रहे हैं, अब तक ऐसी यात्रा कभी नहीं हुई है.
(इनपुट- पंकज सोनी)
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