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केंद्र सरकार मौजूदा संसद के बजट सत्र में 'व्हाइट पेपर' लाने जा रही है. इसमें 10 साल पहले रही कांग्रेस (UPA) के नेतृत्व वाली सरकार की गलतियों को बताया जाएगा. इसके जवाब में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी बीजेपी के इस कदम का मुकाबला करने के लिये गुरुवार (8 फरवरी) को 'ब्लैक पेपर' जारी किया और केंद्र पर निशाना साधा.
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने ब्लैक पेपर जारी करते हुए कहा, "सरकार कभी नहीं बताएगी कि कितने लोगों को नौकरी मिली. वे मनरेगा फंड जारी नही कर रहे हैं. वे राज्यों के साथ भेदभाव कर रहे हैं."
कांग्रेस नेता जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी पर केंद्र के हमले पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा "आज आप शासन कर रहे हैं, आपने आज महंगाई पर काबू पाने के लिए क्या किया है?"
कांग्रेस का यह 'ब्लैक पेपर' बीजेपी सरकार के 'व्हाइट पेपर' से पहले आया है. स
1 फरवरी को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार दोनों सदनों में एक 'व्हाइट पेपर' पेश करेगी. संसद के "यह देखने के लिए कि हम 2014 तक कहां थे और अब कहां हैं." उन्होंने कहा इस कदम के पीछे एकमात्र उद्देश्य उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक लेना हैं.
मौजूदा बजट सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी नेताओं पर हमला बोला, प्रधान मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से उनकी सरकार ने देश को कैसे बदल दिया है.
राज्यसभा में प्रधानमंत्री के मुख्य निशाने पर रहे कांग्रेस अध्यक्ष ने, एक्स पर एक पोस्ट में पलटवार किया और प्रधानमंत्री पर पिछली UPA सरकारों के खिलाफ "अनगिनत झूठी बातें" कहने का आरोप लगाया.
उन्होंने मौजूदा सरकार के तहत बेरोजगारी दर में वृद्धि, औसत जीडीपी विकास दर में गिरावट और खाली सरकारी पदों को चिह्नित किया.
उन्होने कहा 10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद वह अपने बारे में बात करने के बजाय केवल कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हैं. आज भी उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता के बारे में बात नहीं की?.
इस बीच, बीजेपी नेता जयंत सिन्हा ने कहा, "सरकार का 'व्हाइट पेपर' देश की खराब आर्थिक स्थिति को उजागर करेगा जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA की सत्ता थी. फिर बाद में कैसे बीजेपी सरकार ने बदलाव लाया."
लोकसभा में अंतरिम बजट पर बहस में भाग लेते हुए जयंत सिन्हा ने कहा, कि जब 2013 में यूपीए सत्ता में थी तब भारत वैश्विक स्तर पर 'नाजुक पांच' अर्थव्यवस्थाओं में से एक था. सिन्हा ने कहा, "व्हाइट पेपर में हम स्पष्ट करेंगे कि (2014 से पहले) अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या थी.और हमने आर्थिक समस्याओं से कैसे निपटा है."
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