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केंद्रीय वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने गुरुवार, 8 फरवरी को लोकसभा में 'भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र' पेश किया. इस श्वेत पत्र की मदद से UPA सरकार के दौरान भारत की आर्थिक नीतियों पर सरकार निशाना साधना चाहती है. इससे पहले दिन में कांग्रेस (Congress) ने केंद्र सरकार के "श्वेत पत्र" (White Paper) के जवाब में "ब्लैक पेपर" (Black Paper) जारी किया है. पार्टी ने इसका नाम '10 साल, अन्याय काल' दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि बीजेपी देश में लोकतंत्र खत्म करना चाहती है और बीते 10 साल में उसने 411 विधायक तोड़े हैं.
कांग्रेस ने "ब्लैक पेपर" में 'आर्थिक अन्याय, सामाजिक अन्याय और राजनीतिक अन्याय' का जिक्र किया है.
ब्लैक पेपर जारी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "बीजेपी अप्रत्यक्ष तौर से लोगों पर परेशान कर, दबाव बना कर उनसे चुनाव में पैसा लेती है. ये पैसा लोकतंत्र को खत्म को करने के लिए लिया जा रहा है. 411 विधायकों को बीजेपी ने बीते 10 साल में अपने साथ शामिल किया. मध्यप्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड में इन लोगों ने कैसे सरकार गिराई, ये सब आप जानते हैं.”
आर्थिक अन्याय के आरोप:
बेरोजगारी
आर्थिक कुप्रबंधन (कीमत बढ़ने का आरोप लगाया)
किसान संकट
श्रमिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया
मोदानी राज (एक कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप)
सामाजिक अन्याय के आरोप
SC, ST, OBC के खिलाफ अन्याय
महिलाओं के साथ अन्याय
सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने
राजनीतिक अन्याय
संस्थाओं के दुरूपयोग
राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौते
जासूसी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल की जिक्र
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, बोले, "पीएम ने जमीनी स्तर पर कुछ नहीं किया. तीन काले कानून के खिलाफ किसान एक साल तक धरने पर बैठे रहे. पीएम ने किसानों से कहा था कि MSP ज्यादा मिलेगी और आमदनी दोगुनी होगी लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया."
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "देश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है, लेकिन मोदी सरकार इसकी बात कभी नहीं करती. वे हमेशा 10 साल की तुलना करते हैं, लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की उपलब्धियों के बारे में कभी नहीं बताते. यहां तक कि जिस राज्य में BJP की सरकार नहीं है, केंद्र सरकार वहां मनरेगा का पैसा भी नहीं देती, फिर बाद में कहती है कि पैसा तो रिलीज हुआ, लेकिन वो खर्च नहीं किया गया."
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हम PSUs की बात करते हैं. जब PSUs बनते हैं तो वहां SC-ST, OBC और आदिवासियों को रोजगार मिलता है. उनके जीवन में स्थिरता आती है. सरकार को रोजगार देने की दिशा में काम करना चाहिए, जब सभी को भागीदारी मिलेगी, तभी न्याय होगा."
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