मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बड़े नेताओं को लड़ना होगा चुनाव- साउथ पर फोकस, कांग्रेस की पहली लिस्ट के क्या मायने?

बड़े नेताओं को लड़ना होगा चुनाव- साउथ पर फोकस, कांग्रेस की पहली लिस्ट के क्या मायने?

Loksabha Election 2024 Congress Candidates List: राजनांदगांव सीट से कांग्रेस 20 साल में नहीं जीती फिर भूपेश बघेल को टिकट क्यों?

विकास कुमार & शादाब मोइज़ी
पॉलिटिक्स
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Congress Candidates List: राहुल का नाम शामिल, कांग्रेस की पहली लिस्ट क्या संदेश देती है?</p></div>
i

Congress Candidates List: राहुल का नाम शामिल, कांग्रेस की पहली लिस्ट क्या संदेश देती है?

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

कांग्रेस (Congress) ने लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha 2024) के लिए 39 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट (Congress Candidates) जारी कर दी है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) वायनाड (Wayanad) से और भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) राजनांदगांव से चुनाव लड़ेंगे. लिस्ट में 15 जनरल तो 24 एससी-एसटी कैटेगरी के उम्मीदवार शामिल हैं. इनमें 4 महिलाएं हैं. बीजेपी ने 2 मार्च को 16 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 195 कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी की थी.

ऐसे में समझते हैं कि 5 दिन बाद कांग्रेस ने लिस्ट जारी कर क्या संदेश देने की कोशिश की है? उम्मीदवारों का विश्लेषण करने पर क्या मायने निकलते हैं?

कांग्रेस के 39 उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट 

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी) 

बड़े नेताओं को चुनाव लड़ाने पर फोकस

पहली लिस्ट में कांग्रेस का दक्षिण भारत पर फोकस दिखता है.

लिस्ट में कुल 9 राज्य शामिल किए गए हैं:

  • छत्तीसगढ़

  • कर्नाटक

  • केरल

  • मेघालय

  • सिक्किम

  • तेलंगाना

  • त्रिपुरा

  • नागालैंड

  • लक्षद्वीप

लिस्ट में यूपी, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कांग्रेस की पहली लिस्ट में नहीं की गई है.

कांग्रेस ने पहली लिस्ट से संदेश दिया है कि बड़े नेताओं को बैकडोर से एंट्री नहीं मिलेगी बल्कि मैदान में उतरना होगा. इसलिए राज्यसभा से सांसद और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है. केसी वेणुगोपाल को अलाप्पुझा से टिकट मिला है. इस सीट से उन्होंने 2009 में बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की थी. बता दें कि वेणुगोपाल 1996, 2001 और 2006 में अलाप्पुझा से विधायक चुने गए थे. 2004-06 तक ओमन चांडी की सरकार में पर्यटन मंत्री भी रहे.

वेणुगोपाल फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं, और अगर वह लोकसभा चुनाव जीतते हैं तो राज्यसभा की अपनी सीट खाली करनी होगी.

इसके अलावा कांग्रेस ने बेंगलुरु ग्रामीण से कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश को भी मैदान में उतारा है. सुरेश 2019 लोकसभा चुनाव में कर्नाटक से जीतने वाले एकमात्र कांग्रेस उम्मीदवार थे.

पहली लिस्ट में लगभग सभी मौजूदा सांसदों को कांग्रेस ने दोबारा मौका दिया है. केरल से 14 मौजूदा सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा गया है.

वहीं कांग्रेस ने राहुल गांधी को वायनाड से दोबारा टिकट दिया है. चर्चा यह भी है कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से भी चुनाव लड़ेंगे, हालांकि इस लिस्ट में अमेठी का जिक्र नहीं है. बता दें कि पिछली बार 2019 में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने 55 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.

वहीं शशि थरूर भी अपनी सीट तिरुवनंतपुरम से मैदान में होंगे. बीजेपी ने थरूर के खिलाफ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को टिकट दिया है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

राजनांदगांव सीट: 20 साल से नहीं जीती कांग्रेस

जहां शशि थरूर ने तीन बार से अपनी तिरुवनंतपुरम सीट पर कब्जा जमा रखा है, वहीं भूपेश बघेल इस बार छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव में डेब्यू करेंगे. भूपेश बघेल को छ्त्तीसगढ़ राजनांदगांव लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. यह वह सीट है जहां से साल 2004 से लेकर 2019 तक के 4 लोकसभा चुनावों में से एक बार भी कांग्रेस की जीत नहीं हुई है.

साल 2019 में बीजेपी उम्मीदवार संतोष पांडे, 2014 में अभिषेक सिंह, 2009 में मधुसूदन यादव और 2004 में प्रदीप गांधी ने जीत दर्ज की थी.

अब राजनांदगांव सीट पर कांग्रेस के प्रदर्शन की बात करते हैं:

  • यहां से साल 2019 में कांग्रेस के भोला राम साहू को 42% वोट मिले थे जबकि बीजेपी को 50% वोट.

  • साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव से कांग्रेस के कमलेश्वर वर्मा को 34% वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 54%.

  • 2009 के चुनाव में कांग्रेस के देवव्रत सिंह को 38% वोट मिले थे जबकि बीजेपी को 52%.

  • साल 2004 में भी देवव्रत सिंह को कांग्रेस ने मैदान में उतारा था और उन्हें 45% वोट मिले जबकि बीजेपी को 47% वोट.

अब सवाल उठता है कि जिस सीट से कांग्रेस 20 साल में एक बार भी नहीं जीती वहां से भूपेश बघेल को उम्मीदवार क्यों बनाया गया?

दरअसल, भूपेश बघेल ओबीसी वर्ग से आते हैं और राजनांदगांव ओबीसी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां से बीजेपी ने सामान्य जाति के उम्मीदवार संतोष पांडेय को मैदान में उतारा है. संतोष पांडेय इस सीट से मौजूदा सांसद भी हैं. ऐसे में यही लगता है कि कांग्रेस यहां जातिगत समीकरण को भुनाना चाहती है. इसी वजह से भूपेश बघेल को उम्मीदवार बनाया गया.  

साउथ पर फोकस

पहली लिस्ट में 39 सीटों में से 28 दक्षिण भारतीय राज्यों से हैं. इनमें कर्नाटक की सात, केरल की 16, तेलंगाना की चार और लक्षद्वीप की एक सीट शामिल है. कांग्रेस कर्नाटक और तेलंगाना में सत्ता में है और केरल में उसका अच्छा आधार है. कांग्रेस ने केरल में एक छोटा सा बदलाव किया है, के मुरलीधरन को वडकारा से त्रिशूर ट्रांसफर किया है क्योंकि पूर्व सीएम के करुणाकरण के बेटे मुरलीधरन की बहन पद्मजा हाल ही में बीजेपी में शामिल हुईं हैं. बता दें कि अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी को बीजेपी त्रिशूर से टिकट दिया है.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल की 20 सीटों में से 15 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 में से 14 सीटों पर पुराने सांसदों को फिर से मैदान में उतारा है.

SC, ST, OBC, अल्पसंख्यकों को कितनी सीट

कांग्रेस की पहली लिस्ट में कुल 24 उम्मीदवार हैं जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) या अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं. लिस्ट में दो मुस्लिम उम्मीदवार हैं, लक्षद्वीप से हमदुल्ला सईद और केरल के वडकारा से शफी परम्बिल. वहीं लिस्ट में सात ईसाई उम्मीदवार भी हैं: चार केरल से, दो मेघालय से और एक नागालैंड से. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से 4-4 उम्मीदवारों को टिकट दिया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 08 Mar 2024,08:44 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT