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कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है. विपक्ष और कई विदेशी राजनेता कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात करते आए हैं. अब केंद्र सरकार के 36 मंत्री कश्मीर दौरे पर जा रहे हैं. जिसे लेकर बहस शुरू हो चुकी है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार जिस डेलीगेशन को कश्मीर भेजती है वो सरकार के लोगों से ही मुलाकात करते हैं और कहा है कि नेताओं का दौरा सरकार की घबराहट को दिखाता है.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने 18 से 25 जनवरी के बीच 36 केंद्रीय मंत्रियों के कश्मीर दौरे को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा,
केंद्रीय मंत्रियों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस के सीनियर लीडर कपिल सिब्बल ने भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि "वो कहते हैं कश्मीर में सब कुछ ठीक है, लेकिन फिर 36 लोगों को दुष्प्रचार के लिए क्यों भेजा जा रहा है? ऐसे लोगों को क्यों नहीं भेजा जा रहा है जो वहां के हालात को समझ सकें."
सिब्बल और गुलाम नबी आजाद के अलावा कांग्रेस के एक और नेता मनीष तिवारी ने मोदी सरकार पर कश्मीर को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा,
केंद्र सरकार के 36 मंत्री 18 से 25 जनवरी के बीच जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे. बताया गया है कि मंत्री नए केंद्र शासित प्रदेश और कश्मीर के लोगों के विकास के लिए सरकारी योजनाओं और पहल को लेकर जागरुकता बढ़ाएंगे. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद ये पहली बार है जब केंद्रीय मंत्रियों का दल कश्मीर का दौरा करेगा. मंत्रियों से कहा गया है कि वो ‘केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में अपने मंत्रालय की योजनाओं/परियोजनाओं के बारे में लोगों को शिक्षित करें.’
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