मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पंजाब में कांग्रेस की फजीहत के बीच पार्टी के 'G-23' नेताओं ने दी नसीहत

पंजाब में कांग्रेस की फजीहत के बीच पार्टी के 'G-23' नेताओं ने दी नसीहत

Punjab में कांग्रेस के झगड़े के बीच सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी

मुकेश बौड़ाई
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>कांग्रेस जी-23&nbsp;</p></div>
i

कांग्रेस जी-23 

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

बीजेपी अपने बुजुर्ग और सीनियर नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में शामिल करती है, लेकिन कांग्रेस में कुछ नेता ऐसे हैं, जो पिछले कई महीनों से खुद पार्टी के लिए मार्गदर्शक मंडल का काम कर रहे हैं. जिसे जी-23 का नाम दिया गया है. जी-23, उन 23 नेताओं का ग्रुप है, जो कांग्रेस आलाकमान और उसकी नीतियों से पिछले लंबे समय से नाराज चल रहा है. अब पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress Crisis) में जो कुछ हो रहा है, उसे लेकर ये जी-23 ग्रुप एक बार फिर सक्रिय हो चुका है और पार्टी का मार्गदर्शन शुरू कर दिया है.

पंजाब में कांग्रेस की फजीहत, जी-23 नेताओं ने दी नसीहत

वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा और अन्य बड़े नेताओं के इस ग्रुप ने कांग्रेस को फिर से नसीहत दी है. फिर चाहे वो कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल करने की बात हो या फिर पंजाब में फैसले लेने की... पार्टी के इन फैसलों पर टीका-टिप्पणी शुरू हो चुकी है.

पंजाब में कांग्रेस ने पहले तो कैप्टन की नाराजगी के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया, इसके बाद भी सिद्धू लगातार मुख्यमंत्री पर हमलावर रहे, लेकिन कांग्रेस ने आखिरकार कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देने के लिए कह दिया. यानी सब कुछ सिद्धू के पक्ष में रहा. लेकिन इसके बाद सिद्धू ने भी अब अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

कपिल सिब्बल ने पूछा- पार्टी में कौन ले रहा है फैसले?

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस की जमकर फजीहत हो रही है. विपक्षी बीजेपी और आम आदमी पार्टी लगातार चुटकियां ले रही हैं. इसी बीच पार्टी का जी-23 ग्रुप सक्रिय हुआ और कपिल सिब्बल मीडिया के सामने आए. सिब्बल ने पहले सीधे पार्टी नेतृत्व पर तीर छोड़ा और कहा कि, कांग्रेस में अध्यक्ष ही नहीं है तो पता नहीं कौन पंजाब को लेकर ये फैसले ले रहा है.

निशाने पर एक बार फिर कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं. हालांकि इस बीच सिब्बल ने ये भी साफ कर दिया कि वो और उनके जी-23 ग्रुप के नेता बाकी लोगों की तरह बागी नहीं हैं, बस जी हुजूरी करना नहीं जानते हैं. सिब्बल ने कहा,

"एक बात तो स्पष्ट है कि, हम जी हजूर-23 नहीं हैं. हम अपनी बात रखेंगे और रखते जाएंगे. जो हमारी मांगे हैं, वो हम दोहराएंगे. हम उनमें से नहीं हैं, जो पार्टी की विचारधारा को छोड़ देते हैं. जो लोग इनके खास थे, वो लोग इन्हें छोड़कर चले गए और जिन्हें ये समझते हैं कि ये लोग खास नहीं हैं, वो आज भी इनके साथ हैं."

सिर्फ इतना ही नहीं, सिब्बल ने पार्टी छोड़ चुके नेताओं से भी अपील करते हुए कहा कि वो वापस पार्टी में लौट जाएं. उन्होंने कहा कि, जो लोग छोड़कर गए हैं, उन्हें वापस पार्टी में आना चाहिए. क्योंकि कांग्रेस अकेले इस लोकतंत्र को बचा सकती है.

कपिल सिब्बल के अलावा जी-23, यानी नाराज नेताओं के इस ग्रुप से वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने जल्द से जल्द कांग्रेस वर्किंग कमेटी की एक बैठक बुलाने को कहा है. साथ ही कांग्रेस पार्टी में चल रहे संकट को लेकर चिंता जाहिर की है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मनीष तिवारी का कांग्रेस पर कटाक्ष

जी-23 के ही दूसरे नेता मनीष तिवारी भी लगातार पार्टी के फैसलों पर सवाल उठाते आए हैं. जब पार्टी ने कन्हैया कुमार को शामिल करने का फैसला किया तो, तिवारी ने इस फैसले पर ही सवाल उठा दिए.

मनीष तिवारी ने कम्युनिस्ट विचारक कुमारमंगलम की किताब 'कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस' का हवाला देते हुए पार्टी पर कटाक्ष किया. तिवारी ने कहा कि, "अटकलें हैं कि कुछ कम्युनिस्ट नेता पार्टी में शामिल हो रहे हैं. अब शायद 'कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस' किताब के पन्ने फिर पलटने होंगे. आज इसे फिर पढ़ता हूं."

कन्हैया के अलावा पंजाब को लेकर भी तिवारी पार्टी को नसीहत दे चुके हैं. उन्होंने सिद्धू को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा था कि, पंजाब सीमावर्ती राज्य है, इसीलिए इसे सुरक्षित हाथों में होना चाहिए. चुनाव एक पहलू है, लेकिन राष्ट्रहित सबसे पहले है.

क्या चाहता है कांग्रेस का ये जी-23?

अब सवाल ये है कि अगर कांग्रेस के सीनियर नेताओं का ये ग्रुप (जी-23) पार्टी से बगावत नहीं करना चाहता, फिर भी पार्टी पर हमलावर है... तो ये नेता आखिर चाहते क्या हैं?

इसका जवाब ये है कि ये तमाम नेता लगातार कांग्रेस के मजबूत नेतृत्व की मांग कर रहे हैं. इसीलिए वो सोनिया गांधी को लेकर लगातार हमलावर हैं. साथ ही इनमें से कुछ नेताओं का ये भी सोचना है कि इस बार गांधी परिवार के अलावा किसी और को नेतृत्व दिया जाना चाहिए. जब 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी की बुरी तरह हार के बाद राहुल गांधी ने इस्तीफा दिया था, तभी से ये तमाम नेता पार्टी के अध्यक्ष को लेकर चुनाव की मांग कर रहे हैं.

इसके लिए 23 नेताओं ने एक साथ मिलकर सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी और पार्टी के भविष्य को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे. लेकिन तब से लेकर आज तक कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं हो पाया और सोनिया गांधी ही अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम कर रही हैं. लेकिन ज्यादातर मामलों में ये देखा जाता है कि फैसले राहुल गांधी की तरफ से होते हैं.

अब देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व अपने इन जी-23 नेताओं का सुझाव इस बार मानता है या फिर नहीं. फिलहाल तो कांग्रेस और सोनिया गांधी के समर्थक नेताओं ने सिब्बल और जी-23 नेताओं के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है. सिब्बल के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन भी हुआ है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT