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दादरा और नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर आत्महत्या मामले ने अब राजनीतिक मोड़ ले लिया है. आरोप लग रहे हैं कि बीजेपी के दबाव और छल की वजह से डेलकर ने आत्महत्या की है. पुलिस को मिले सुसाइड नोट में बीजेपी के पूर्व विधायक प्रफुल पटेल का नाम शामिल है. डेलकर कथित तौर पर चुनाव क्षेत्र के काम में बाधा पहुंचाए जाने और लगातार अपमानित किए जाने की वजह से काफी आहत थे. महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता सचिन सावंत ने ये दावा किया है .
कांग्रेस ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख से जांच करने की मांग की है कि इस आत्महत्या के तार बीजेपी से किस तरह जुड़े हैं. देशमुख ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि सुसाइड नोट में सांसद ने जिक्र किया है कि उन्हें मुम्बई और महाराष्ट्र में न्याय मिलेगा.
सचिन सावंत के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव की जीत के बाद मोहन डेलकर ने उन पर दिल्ली से हो रहे अन्याय का जिक्र किया था. 2020 में डेलकर ने एक वीडियो में सांसद पद से इस्तीफे की पेशकश करते हुए बताया था कि किस तरह उन्हें और उनके समर्थकों को झूठे केसों में फसाया जा रहा है.
इस मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक रहे प्रफुल पटेल का नाम शक के घेरे में है. पटेल फिलहाल दादरा नगर हवेली और दीव दमन के प्रशासक की तौर पर काम कर रहे हैं. वे गुजरात के हिम्मत नगर से 2007 से 2012 तक विधायक रह चुके हैं. वे गुजरात के गृह राज्य मंत्री भी रह चुके हैं और आरएसएस के काफी करीबी माने जाते हैं.
मुंबई पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 22 फरवरी की दोपहर सांसद मोहन डेलकर मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके के होटल सी ग्रीन में मृत अवस्था में पाए गए. वहां से सोलह पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है, जो कि सांसद के ऑफिशियल लेटर पैड पर लिखा गया था. जिसमें कई लोगों के नाम लिखे हुए हैं. मुम्बई पुलिस की फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी हुई है. आने वाले कुछ दिनों में डेलकर के ड्राइवर और परिवारवालों से पूछताछ की जाएगी.
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