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CM केजरीवाल के खिलाफ LG ने की NIA जांच की सिफारिश, 'सिख फॉर जस्टिस' से फंडिंग का आरोप

दिल्ली के उपराज्यपाल को विश्‍व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया से एक शिकायत मिली थी.

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<div class="paragraphs"><p>CM केजरीवाल के खिलाफ LG ने की NIA जांच की सिफारिश, 'सिख फॉर जस्टिस' से फंडिंग का आरोप</p></div>
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CM केजरीवाल के खिलाफ LG ने की NIA जांच की सिफारिश, 'सिख फॉर जस्टिस' से फंडिंग का आरोप

(altered by quint)

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दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) ने सोमवार, 6 मई मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की सिफारिश की है. केजरीवल पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice) से कथित तौर पर राजनीतिक फंडिंग का आरोप लगा है.

बता दें कि कथित उत्पाद नीति घोटाले के मामले में सीएम केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली के उपराज्यपाल को विश्‍व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया से एक शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आम आदमी पार्टी (AAP) को 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी दविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई में मदद के लिए 2014 और 2022 के बीच खालिस्तान समर्थक समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर की भारी राशि प्राप्त हुई थी.

यह भी आरोप लगाया गया है कि 2014 में न्यूयॉर्क के रिचमंड हिल गुरुद्वारे में अरविंद केजरीवाल और खालिस्तान समर्थक समूहों के बीच गुप्त बैठक हुई थी.

गृह मंत्रालय को लिखे एलजी के पत्र में कहा गया है, "उस बैठक के दौरान केजरीवाल ने कथित तौर पर खालिस्तानी गुटों से AAP को पर्याप्त वित्तीय सहायता के बदले में देवेंदर पाल भुल्लर की रिहाई की सुविधा देने का वादा किया था."

चिट्ठी में आगे कहा गया है,

“शिकायतकर्ता ने अपने पत्र में एक वीडियो की सामग्री का उल्लेख किया, जिसमें कथित तौर पर गुरपतवंत सिंह पन्नून (प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक) था. शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कुछ पोस्ट के अनुसार, मुनीश कुमार रायजादा, जो AAP कार्यकर्ता था, उसने 2014 में रिचमंड हिल गुरुद्वारे में हुई अरविंद केजरीवाल और सिख नेताओं के बीच बैठक की एक तस्वीर शेयर की थी.“

भुल्लर की रिहाई के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश का दावा

उपराज्यपाल की चिट्ठी में यह भी बताया गया है कि अरविंद केजरीवाल ने भुल्लर के लिए क्षमादान की मांग करते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखा था. इस मामले में केजरीवाल की तरफ से इकबाल सिंह के नाम लिखी एक चिट्ठी की कॉपी भी लगाई गई है. 27 जनवरी 2014 को लिखी चिट्ठी में लिखा गया है,

"हमारी सरकार इस मुद्दे के प्रति संवेदनशील है और हम पूरी कोशिश करेंगे कि न्याय मिले. दिल्ली सरकार ने पहले ही प्रो. भुल्लर की रिहाई की सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेज दी है, इसके साथ ही दिल्ली सरकार SIT के गठन जैसे अन्य मुद्दों पर भी काम करती रहेगी."

LG को मिली शिकायत में लिखा है कि उस समय की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भुल्लर की रिहाई के लिए इकबाल सिंह दिल्ली के जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल कर रहा था. जब उसे केजरीवाल की तरफ से चिट्‌ठी मिली तो उसने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी थी.

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"केजरीवाल के खिलाफ आरोपों की जांच NIA से कराई जाए"

उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने सिख फॉर जस्टिस द्वारा आम आदमी पार्टी को फंडिंग के आरोपों की व्यापक जांच की मांग की है. पत्र में कहा गया है,

“चूंकि मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं और मामला भारत में पहले से ही प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन द्वारा एक राजनीतिक दल को लाखों डॉलर की कथित फंडिंग से संबंधित हैं, इसलिए शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की जांच की जरूरत है, जिसमें फॉरेंसिक जांच भी शामिल है.“

LG ने गृह मंत्रालय से अपील की है कि शिकायतकर्ता ने बेहद गंभीर और संवेदनशील आरोप लगाए हैं, लिहाजा आरोपों की जांच NIA से कराई जाए.

AAP ने क्या कहा?

इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने X अकाउंट पर लिखा, "एलजी साहब चुनावी मौसम में सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रहे हैं. यह एलजी के संवैधानिक पद का पूरी तरह दुरुपयोग है. इसी मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग वाली जनहित याचिका दो साल पहले हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी."

"कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की डिवीजन बेंच ने जगदीश शर्मा द्वारा दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि "इसमें दम नहीं" है."

उन्होंने आगे कहा, "एलजी साहब ने पहले सुकेश चन्द्रशेखर जैसे व्यक्ति की शिकायत की सीबीआई जांच के लिए कहा था, जो धोखाधड़ी और हेराफेरी के जरिए लोगों से करोड़ों रुपये ठगने के आरोप में जेल में है."

वहीं दिल्ली के मंत्री और AAP नेता गोपाल राय ने कहा, "जब पंजाब में चुनाव हो रहे थे और बीजेपी हार रही थी, तो उन्होंने वही टेप रिकॉर्डर बजाया, पंजाब के लोगों ने बीजेपी को बुरी तरह हराकर जवाब दिया. आज बीजेपी फिर हार रही है और INDIA गठबंधन जीत रहा है... उन्होंने अरविंद केजरीवाल को जेल में डाला लेकिन जब पूरी दिल्ली उनके साथ खड़ी हो गई, तो उन्होंने एक नई साजिश रची. लोग इस साजिश का जवाब 25 मई को वोट की ताकत से देंगे.''

बीजेपी ने क्या कहा?

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "पूरी दिल्ली देख रही है कि INDI गठबंधन का क्या हाल है. भ्रष्टाचारी एक-दूसरे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मैं विश्वास के साथ कह रहा हूं कि बीजेपी दिल्ली की सातों सीटें जीतने जा रही है और आज उपराज्यपाल ने जो जांच के आदेश दिए हैं उसके बाद तो तय है कि AAP का मतलब देशद्रोही, देश के दुश्मन है."

क्या है सिख फॉर जस्टिस?

सिख फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन की स्थापना साल 2007 में अमेरिका में हुई थी. इस संगठन का मुख्य एजेंडा पंजाब को भारत से अलग कर एक 'स्वतंत्र और संप्रभु देश- खालिस्तान' बनाने का है. गुरपतवंत सिंह पन्नू ने SFJ की स्थापना की थी. जो अक्सर देश विरोधी बयानबाजी के सुर्खियों में रहता है.

भारत सरकार ने 2019 में SFJ को "आतंकवादी संगठन" घोषित किया गया था. वहीं 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पन्नू को आतंकवादी घोषित किया था.

सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने भारतीय पंजाब को ‘आजाद’ कराने और खालिस्तान नारे के तहत पंजाबियों को आत्मनिर्णय का अधिकार दिलाने के लिए ‘रेफरेंडम-2020’ अभियान शुरू किया था.

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