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राजधानी दिल्ली सहित देशभर के कई राज्यों में कोरोनावायरस अपने पैर पसार रहा है. इसे लेकर राज्य सरकारों की तरफ से कई अहम कदम भी उठाए जा रहे हैं. ऐसा ही एक कदम दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने उठाया है. केजरीवाल सरकार ने आखिरकार दिल्ली में केंद्र सरकार की हेल्थ स्कीम 'आयुष्मान भारत योजना' को लागू करने का फैसला किया है. खुद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में इसका ऐलान किया.
विधानसभा में दिल्ली का बजट पेश करते हुए मनीष सिसोदिया ने कई अहम ऐलान किए. जिनमें कोरोनावायरस के लिए 50 करोड़ रुपये का ऐलान भी शामिल है. लेकिन आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने की घोषणा से दिल्ली सरकार ने सभी को चौंका दिया.
अरविंद केजरीवाल के खिलाफ हाल ही में हुए दिल्ली चुनाव के दौरान बीजेपी का ये भी एक बड़ा मुद्दा था. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैलियों में इसका इस्तेमाल किया था और आरोप लगाया था कि केजरीवाल सरकार केंद्र की इस सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम को दिल्ली में लागू नहीं करना चाहती है. वहीं केजरीवाल से जब भी इसे लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने हमेशा साफ इनकार करते हुए कहा कि केंद्र की इस स्कीम से बेहतर उनकी अपनी योजनाएं हैं. जिसमें हर व्यक्ति का इलाज हो सकता है. अरविंद केजरीवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा था,
"दिल्ली सरकार के जितने भी सरकारी अस्पताल हैं, वहां सभी के लिए सब कुछ मुफ्त है. फिर चाहे वो गरीब हो या फिर अमीर हो. दिल्ली के सरकारी अस्पताल में अगर आपको ऑपरेशन की डेट एक महीने की मिलती है और उस तय समय में वो नहीं हो पाता तो, उसके बाद आप प्राइवेट हॉस्पिटल में मुफ्त में ऑपरेशन करा सकते हैं." इसके बाद उन्होंने मोदी सरकार की आयुष्मान योजना की कमियां गिनाते हुए कहा,
केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के सभी नेताओं का करीब-करीब यही जवाब होता था. लेकिन इस वक्त आयुष्मान भारत योजना लागू करने का ऐलान शायद कोरोनावायरस को लेकर किया गया है.
आयुष्मान भारत योजना पीएम मोदी की एक महत्वकांक्षी योजना है. इसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नाम से भी जाना जाता है. वहीं इस योजना को ओबामा केयर की तर्ज पर मोदी केयर योजना भी कहा जाता है. केंद्र सरकार के मुताबिक इस योजना से करीब 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये तक का बीमा मिल रहा है. इसके तहत जिसके परिवार में कोई दिव्यांग, किसी वयस्क का न होना, अनुसूचित जाति, भूमिहीन व्यक्ति, दिहाड़ी मजदूर, फेरी वाले, सफाई कर्मी, टेलर, रिक्शा चालक, कुली आदि लोगों का इलाज किया जाता है. इनका अस्पताल में भर्ती होने से इलाज पूरा होने तक पूरा खर्चा इस योजना के तहत आता है.
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