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मोदी सरकार 2 का पहला बजट 5 जुलाई यानि शुक्रवार को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहली बार संसद में बजट पेश करेंगी.
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मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन अपना पहला आर्थिक सर्वे पेश करने जा रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा, ‘गुरुवार को अपना और नई सरकार का पहला आर्थिक सर्वे पेश करने के लिए उत्साहित हूं.’
आर्थिक सर्वे देश की अर्थव्यवस्था के पिछले एक साल की तस्वीर पेश करता है. इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था की क्या हालत है. इसके अलावा इसमें अगले वित्त वर्ष के लिए भी नीतिगत संकेत होते हैं.
आर्थिक सर्वे की कॉपियां संसद पहुंच चुकी हैं. अब से कुछ ही घंटों के बाद संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा. मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन आर्थिक सर्वे को संसद में रखेंगे.
मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन आर्थिक सर्वे पेश करने से पहले कहा कि हमारी टीम ने इसके लिए काफी मेहनत की है. उम्मीद है कि नतीजे अच्छे होंगे और हम अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए नए सुझाव देने में सफल होंगे.
आर्थिक सर्वे से ठीक पहले भारत के जीडीपी रेट को लेकर बड़ी खबर आई है. बताया जा रहा है कि वित्त वर्ष 2020 में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
भारत को साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी के लिए 8% जीडीपी की ग्रोथ रफ्तार जरूरी होगी.
सर्वे में कहा गया है अगर वित्त वर्ष 2019-20 में ग्रोथ धीमी होती है तो इससे रेवेन्यू कलेक्शन पर नकारात्मक असर होगा. सर्वे के मुताबिक देश में 2018 के मध्य से ग्रामीण इलाकों में मजदूरी बढ़ती है. आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि इकोनॉमी की ग्रोथ के लिए बचत, निवेश और निर्यात को बढ़ावा मिलना चाहिए. निवेश बढ़ाने पर जोर देना होगा.
आर्थिक सर्वे में मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास दर ज्यादा रहने का उम्मीद जताई गई है.
आर्थिक सर्वे 2019 राज्यसभा के बाद अब लोकसभा में भी पेश हो चुका है. इससे पहले इसे केंद्र सरकार की तरफ से राज्यसभा में पेश किया गया था.
आर्थिक सर्वे 2019 में कहा गया है कि चुनाव को लेकर अनिश्चितता की वजह से जीडीपी ग्रोथ पर असर पड़ा है. जनवरी से मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में आई कमी को लेकर ये अनुमान लगाया गया है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आर्थिक सर्वे को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘लोगों को हसीन सपने दिखाना परन्तु उस हिसाब से काम नहीं करना व भावनाएं भड़काकर राजनीतिक रोटी सेंकना बीजेपी की विशेषता रही है. आज पेश आर्थिक सर्वेक्षण भी प्रमाणित करता है कि गरीबी, बेरोजगारी, किसान आत्महत्या आदि की गंभीर समस्याओं के मामले में यह सरकार उदासीन व लापरवाह रही है’
मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘विकास दर की बडे़-बड़े दावों से देश के 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों आदि का अबतक सही भला नहीं हो पाया है बल्कि इनकी दिन-प्रतिदिन की समस्याएं अनवरत गंभीर होती जा रही हैं जो अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है. केवल कागजी दावों से जनता का हित व कल्याण कैसे संभव है?’
आम बजट से ठीक एक दिन पहले मोदी सरकार की तरफ से संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया गया. मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया. आर्थिक सर्वे में आने वाले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया. इसके अलावा आने वाले साल में राजकोषीय घाटे में कमी, तेल की कीमतों में गिरावट और आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाया गया.
Published: 04 Jul 2019,08:01 AM IST