मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का बिल राज्यसभा में पेश,CJI की भूमिका पर कैची,विपक्ष का विरोध

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का बिल राज्यसभा में पेश,CJI की भूमिका पर कैची,विपक्ष का विरोध

Rajya Sabha में जबरदस्त हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

IANS
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का बिल राज्यसभा में पेश</p></div>
i

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का बिल राज्यसभा में पेश

(Photo- Quint Hindi)

advertisement

Centre’s new Bill on Election Commission members’ appointments: जबरदस्त हंगामे के बीच राज्यसभा में गुरूवार को मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा बिल पेश किया गया. इसके विरोध में विपक्षी सांसदों ने जबरदस्त नारेबाजी की. इस दौरान इंडिया गठबंधन से जुड़े विपक्ष के अधिकांश सांसद सभापति के आसन के निकट वेल में आ गए. सदन की कार्यवाही के लिए नियम पुस्तिका दिखा रहे कुछ सांसदों ने इस दौरान सभापति के आसन तक पहुंचने की भी कोशिश की.

हालांकि, इन सांसदों को रोकने के लिए तुरंत ही गार्ड तैनात कर दिए गए, ताकि विरोध जता रहे सांसद सभापति के आसन तक न पहुंच सके.

राज्यसभा में हुए इस जबरदस्त हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

इसी वर्ष मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि चुनाव आयुक्तों का चयन राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश वाले पैनल की सलाह पर किया जाएगा.

वहीं, केंद्र सरकार एक ऐसा कानून बनाने के लिए यह विधेयक लाई है, जिसमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया मेें मुख्य न्यायाधीश की भूमिका नहीं होगी.

राज्यसभा में लाए गए इस विधेयक के मुताबिक चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री की समिति की सिफारिश के आधार पर की जाएगी.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने देश के मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका तय की थी. सरकार के इस विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधान मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान मंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री की समिति की सिफारिश पर की जाएगी.

सरकार द्वारा लाए जा रहे इस नए बिल के मुताबिक प्रधानमंत्री इस पैनल की अध्यक्षता करेंगे. कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, सपा व आरजेडी समेत इंडिया गठबंधन के दल इस विधेयक के खिलाफ हैं.

विपक्ष के सांसदों रणदीप सिंह सुरजेवाला, जॉन बिटास, प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि सरकार द्वारा लाए जा रहे इस बिल का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के मार्च 2023 के फैसले को कमजोर करना है.

इस विधेयक का विरोध करने के लिए विपक्षी सांसद प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रियंका चतुर्वेदी, डेरेक ओ ब्रायन, सुशील कुमार गुप्ता, केसी वेणुगोपाल समेत अनेक सांसद सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए.

हालांकि, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में गुरुवार को विपक्ष के तीखे विरोध के बावजूद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक पेश कर दिया है.

सरकार का यह विधेयक मुख्य न्यायाधीश को चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया से बाहर करेगा.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT