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नवंबर-दिसंबर 2022 में हुए हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें आए आंकड़े बहुत कुछ बयान करते हैं- खासकर चुनावी चंदा जमा करने और खर्च करने में बीजेपी और बाकी पार्टियों के बीच की असमानता के स्तर के बारे में.
ADR के एक विश्लेषण के मुताबिक,कांग्रेस-बीजेपी समेत अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान 2,077.81 करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं और चुनाव-संबंधी गतिविधियों पर 288.35 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
किस राजनैतिक पार्टी ने कितने करोड़ रुपये जुटाए और उसमें से कितने खर्च किए, बीते सालों के मुकाबले यह खर्च किस हद तक बढ़ा है, आपको सबकुछ विस्तार से बताते हैं.
एडीआर की यह रिपोर्ट चुनाव के एक्सपेंस स्टेटमेंट (पार्टियों ने कितना खर्चा किया) पर आधारित है. राजनीतिक दलों को अपने खर्चे का यह लेखा-जोखा विधानसभा चुनाव पूरा होने के 75 दिनों के अंदर चुनाव आयोग को जमा करना होता है.
इनमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और कुछ अन्य छोटे दल शामिल हैं.
एडीआर के विश्लेषण के मुताबिक, 2022 में हुए हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों में 11 पार्टियों में कुल 2,077.81 करोड़ रुपये जुटाए थे. इसमें में अकेले बीजेपी ने 1,800.72 करोड़ रुपये चंदे के रूप में जमा किए थे जबकि दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस ने 209.46 करोड़ रुपये इकट्ठे किये थे. अगर आम आदमी पार्टी कि बात करें तो उसने 59.39 करोड़ रुपये जुटाए.
किस पार्टी ने कितना खर्च किया?
11 पार्टियों ने मिलाकर इन दो चुनावों में 288.35 करोड़ रुपये खर्च किये थे. इन पार्टियों द्वारा खर्च किए गए कुछ धन में से अकेले बीजेपी का हिस्सा 194.89 करोड़ रुपये या 67.59 प्रतिशत था.
जबकि कांग्रेस ने 67.93 करोड़ रुपये और आम आदमी पार्टी ने 20.21 करोड़ रुपये खर्च किये थे.
बीजेपी के मामले में इकट्ठा किए गए कुल 1,800.72 करोड़ रुपये में से इसके केंद्रीय मुख्यालय ने 1,733.49 करोड़ रुपये, इसकी गुजरात इकाई ने 63.81 करोड़ रुपये और इसकी हिमाचल प्रदेश इकाई ने 3.41 करोड़ रुपये इकट्ठा किए.
जहां तक कांग्रेस का सवाल है, इकट्ठा किए गए 209.46 करोड़ रुपये में से कांग्रेस के केंद्रीय मुख्यालय ने 143.03 करोड़ रुपये, उसकी हिमाचल प्रदेश इकाई ने 19 करोड़ रुपये और उसकी गुजरात इकाई ने 47.43 करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं.
AAP के मामले में इकट्ठा किए गए 59.39 करोड़ रुपये में से, इसके केंद्रीय मुख्यालय ने 59.29 करोड़ रुपये इकट्ठा किए, और इसकी गुजरात यूनिट ने बाकी की राशि इकट्ठा की है.
अगर सभी पार्टियों की मिलाकर बात करे तो इस तरह केंद्रीय मुख्यालय में पार्टियों द्वारा इकट्ठा किया गया धन 1,943.64 करोड़ रुपये था, और खर्च 110.94 करोड़ रुपये था. गुजरात राज्य इकाइयों ने 168.65 करोड़ रुपये और हिमाचल प्रदेश राज्य इकाइयों ने 8.76 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
2017 और 2022 के हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने वाले नौ राजनीतिक दलों द्वारा इकट्ठा किया गया कुल धन क्रमशः 352.06 करोड़ रुपये और 2,077.49 करोड़ रुपये था.
बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान 1,800.72 करोड़ रुपये की धनराशि घोषित की थी. जबकि 2017 के चुनावों में पार्टी ने 251.01 करोड़ रुपये की घोषणा की थी. यानी 2017 से 2022 की तुलना करे तो 617 प्रतिशत या 1,549.71 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी.
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान 209.46 करोड़ रुपये की धनराशि की घोषणा की, जबकि 2017 के चुनावों में यह 71.15 करोड़ रुपये थी - यानी कांग्रेस के मामले में 194 प्रतिशत या 138.31 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी.
जबकि पांच राजनीतिक दलों - बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनावों की तुलना में 2022 के दौरान इकट्ठा किए गए धन में कमी की घोषणा की है.
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