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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर चर्चित मुंबई क्राइम ब्रांच के पूर्व चीफ प्रदीप शर्मा शुक्रवार को शिवसेना में शामिल हो गए. पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने उन्हें सदस्यता दिलाई. शर्मा 2020 में रिटायर होने वाले थे. लेकिन उन्होंने कुछ दिन पहले ही वीआरएस ले ली थी. माना जा रहा है कि शर्मा नालासोपारा से शिवसेना के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
शर्मा ठाणे में रंगदारी वसूली विरोधी सेल के चीफ थे. राज्य सरकार ने 2008 में उन्हें सस्पेंड कर दिया था, लेकिन मुठभेड़ के मामले में 2013 में एक सेशन कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था. सरकार ने 2017 में उन्हें फिर बहाल कर दिया था.
प्रदीप शर्मा ने नब्बे के दशक में मुंबई में जड़ें जमा चुके अंडरवर्ल्ड को उखाड़ फेंकने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया था. शर्मा ने आईपीएल में सट्टेबाजी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया था. सट्टेबाजी के इस खेल में शामिल सलमान के भाई अरबाज खान को भी उन्होंने दबोचने से परहेज नहीं किया.
प्रदीप शर्मा का खौफ ऐसा था कि अंडरवर्ल्ड के गुर्गे या तो मुंबई छोड़ गए या दुनिया. दौड़ा-दौड़ा कर गोली मारने वाले इस अफसर के एनकाउंटर का आंकड़ा 113 पर पहुंच गया. अंडरवर्ल्ड में दहशत फैली, तो सुर्खियों से शोहरत मिली. बाद में यही शोहरत शर्मा के लिए मुसीबत बन गई. शर्मा पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगा. केस की सुनवाई होती रही और शर्मा से खाकी दूर हो गई. 9 साल बाद उन्हें न्याय मिला. कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया.
9 साल बाद प्रदीप शर्मा की मुंबई पुलिस में वापसी हुई. वापसी के एक महीने के भीतर ही प्रदीप ने देश के मोस्ट वांडेट अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को जबरन वसूली के मामले में दबोच लिया.
देखते ही देखते मुंबई पुलिस का ये अफसर अंडरवर्ल्ड के इशारों पर चलने वाली फिल्म इंडस्ट्री के लिए प्रेरणास्रोत बन गया. फिल्मों की कहानी में शर्मा से मिलते-जुलते किरदार शामिल किए जाने लगे.
कहा जाता है कि रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘अब तक 56’ में नाना पाटेकर का किरदार भी प्रदीप शर्मा से ही प्रेरित था.
प्रदीप शर्मा अब तक 113 एनकाउंटर कर चुके हैं. शर्मा खतरनाक गैंगस्टर विनोद मातकर को मारकर पहली बार एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से सुर्खियों में आए थे.
मातकर के अलावा प्रदीप शर्मा ने परवेज सिद्दीकी, रफीक डब्बावाला, सादिक कालिया, रंगा-बिल्ला के नाम से कुख्यात जावेद-रहीम जैसे सौ से ज्यादा कुख्यात गैंगस्टरों का सफाया किया. इसके अलावा एक मुठभेड़ में उन्होंने मुंबई को दहलाने की साजिश रचने वाले लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया था.
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