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प्रवासी मजदूरों से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शनिवार की मुलाकात के बाद केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच शब्दों की जंग छिड़ गई है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जहां रविवार को राहुल गांधी की मुलाकात को ड्रामेबाजी करार दिया, वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाल ने कहा कि सरकार को इस टिप्पणी के लिए प्रवासी मजदूरों से माफी मांगनी चाहिए.
सुरजेवाला ने कहा कि वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों के जख्मों पर नमक छिड़का है, उन्होंने कहा, "अगर दर्द साझा करना अपराध है, तो हम ऐसा करना जारी रखेंगे," सुरजेवाला ने कुछ समय पहले मोदी द्वारा 'मजदूरों के पैर धोने के असली नाटक' की भी याद दिलाई.
इससे पहले वित्त मंत्री सीतारमण ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस को "अधिक जिम्मेदार होना चाहिए" और वर्तमान स्थिति को देखते हुए केंद्र के साथ मिलकर काम करना चाहिए, सीतारमण ने कहा कि मौजूदा कोरोनावायरस संकट मेंकोई व्यक्ति जो भी कर सकता है वह कम है,
उन्होंने कहा, "सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि कोई भी व्यक्ति कुछ भी करे वह कम है, मैं किसी बहस में शामिल नहीं होना चाहती हूं कि मैंने कम या ज्यादा किया है, मुझे नहीं लगता कि कुछ भी पर्याप्त हो सकता है, चाहे आप कितना भी कर लें, वर्तमान स्थिति में कुछ भी पर्याप्त नहीं है,"
कांग्रेस ने शनिवार को मथुरा रोड पर सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास राहुल गांधी की प्रवासी मजदूरों से बातचीत की वीडियो और तस्वीरें जारी की थीं, ये मजदूर करीब 700 किलो मीटर दूर झांसी के पास स्थित अपने गांव जा रहे थे, वे अंबाला से पैदल चले थे, राहुल गांधी ने फुटपाथ पर बैठकर 20 मजदूरों के समूह से बातचीत की थी,
सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने क्षेत्रीय मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत के बाद खुद दौरा करने और जमीनी हालात देखने का फैसला किया है,
(इनपुट:IANS से भी)
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